ऑक्सफर्ड के प्रफेसर ने सुलझाई 300 साल पुरानी गणित की गुत्थी

लंदन
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रफेसर ने 300 साल पुराने गणित के एक रहस्य को सुलझाने के लिए पांच लाख पाउंड (साढ़े चार करोड़ रुपये) का पुरस्कार जीता है। इस हल को शिक्षा के क्षेत्र में नए युग के आरंभ के रूप में देखा जा रहा है।

सर ऐंड्रयू वाइल्स को नॉर्वे की अकैडमी ऑफ साइंस ऐंड लेटर्स की ओर से ऐबल प्राइज दिया जा रहा है। प्रफेसर ने 1994 में फर्मैट के लास्ट थिऑरम पर अपना साक्ष्य प्रकाशित किया था, और उन्हें इसी के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है।

नॉर्वे के ओस्लो में मई में वहां के युवराज हाकोन के हाथों 62वर्षीय प्रफेसर को 60 लाख क्रोन (4,95,000 पाउंड) का चेक पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा।

द टेलिग्राफ अखबार के अनुसार, फिलहाल ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के मैथमेटिकल इंस्टिट्यूट में प्रफेसर सर ऐंड्रयू ने कहा, ‘ऐबल पुरस्कार को पाना और क्षेत्र में महान योगदान देने वाले विद्वानों की सूची में शामिल होना बहुत बड़ा सम्मान है।’ उन्होंंने कहा, फर्मैट का समीकरण शुरूआती दिनों से मेरा जुनून था और उसे हल करके मुझे संतोष मिला।

फ्रांस के गणितज्ञ पियरे डी फर्मैट ने 1637 में पहली बार एक समीकरण दिया, जो इस प्रकार है।

xn + yn = zn का हल पूर्णांक नहीं हो सकता, यदि समीकरण में n दो से बड़ा हो।

ऐबल अवॉर्ड 2002 से नार्वे के गणितज्ञ नील्स हेनकिर ऐबल के नाम से शुरू किया गया। ऐबल की 1829 में मृत्यु हो गई थी।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

England News in Hindi | ब्रिटिश मुख्य खबरें – Navbharat Times