ऐक्शन में आए हरदीप पुरी, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
|लगभग पांच लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मंजूरी के बाद स्मार्ट सिटी से लेकर अटल मिशन तक की परियोजनाओं में हो रही देरी से चिंतित आवास एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप पुरी ने अफसरों से जल्द से जल्द रिजल्ट देने के लिए कहा है। उन्होंने अफसरों को अगले लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए ये भी निर्देश दिए हैं कि मंत्रालय की योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए कार्य करें और वह अब खुद हर पखवाड़े की इन योजनाओं पर हो रहे कार्यों की समीक्षा करेंगे।
कागजी कार्रवाई नहीं नतीजे चाहिए
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पुरी ने कहा कि अब चुनावी वर्ष नजदीक है। ऐसे में अब कागजी कार्रवाई की जगह जमीनी रिजल्ट देने का वक्त है। ऐसे में किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधूरे हैं ज्यादातर प्रॉजेक्ट
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक शहरी विकास मंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं का जमीन पर असर नजर आना चाहिए। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार की कई ड्रीम परियोजनाएं आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आती हैं। इनमें स्मार्ट सिटी से लेकर हाउसिंग फॉर आल और स्वच्छ भारत मिशन शामिल हैं। सरकार की चिंता यह है कि इनमें से अधिकांश योजनाओं का जमीन पर कोई बड़ा असर नजर नहीं आ रहा है और न ही ये योजनाएं फिलहाल लोगों पर कोई प्रभाव छोड़ सकी हैं। स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट के तहत कई शहरों में काम हो रहा है लेकिन इनमें से इक्का-दुक्का को छोड़कर कोई ऐसा नहीं है, जिसने अब तक वाहवाही बटोरी हो। इसकी वजह यह है कि अधिकांश प्रॉजेक्ट अभी अधर में ही हैं।
इसी तरह से हाउसिंग फॉर आल को लेकर भी कोई उत्साहजनक नतीजे सामने नहीं आ रहे, क्योंकि अभी ज्यादातर जगहों पर मकानों का निर्माण चल रहा है। इस स्कीम को भी राज्य ही लागू कर रहे हैं। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की चिंता यह है कि उसने इन योजनाओं के लिए पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश मंजूर किया है। यह रकम केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और प्राइवेट पार्टनर कंपनियों की है लेकिन इसके बावजूद इन योजनाओं पर लोगों में चर्चा तक नहीं हो रही।
यही वजह है कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्री को अपने मंत्रालय के अफसरों के लिए इस तरह के कड़े निर्देश जारी करने पड़े हैं। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अब मंत्री ने तय किया है कि वह इन सभी परियोजनाओं की हर पहले और तीसरे मंगलवार को समीक्षा करेंगे और यह देखेंगे कि पिछले 15 दिनों में कितनी प्रोग्रेस हुई है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना हे कि खुद मंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अब लोकसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में अंतिम साल में रिजल्ट दिखाने का वक्त है। उन्हें कागजी कार्रवाई की जगह रिजल्ट चाहिए, जो अफसरों को देने होंगे।
शहरी कार्यमंत्री ने डीडीए से भी कहा है कि वह अपनी लैंड पूलिंग पॉलिसी को तुरंत नोटिफाई करें। यह पॉलिसी लंबे वक्त से लटकी पड़ी है। उन्होंने मंत्रालय से भी कहा है कि रेंटल हाउसिंग पॉलिसी और मॉडल टेनेंसी एक्ट को भी जल्द से जल्द फाइनल करें।
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