एशियाई खेलों के लिए नई रणनीति पर काम कर रहीं मनिका बत्रा
|स्टार महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा एशियाई खेलों से पहले कुछ नई रणनीतियों पर काम कर रही हैं। मनिका का मानना है कि उनका बैक हैंड खेल पर प्रतिद्वंद्वियों के लिए खतरा नहीं रह गया है। अपनी फिटनेस में सुधार के लिए भी मनिका बहुत मेहनत कर रही हैं, क्योंकि कहीं न कहीं इस क्रम में वे थोड़ी पीछे हैं। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हो रहे 18वें एशियन गेम्स से पहले भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ी एक शिविर में हिस्सा लेंगे।
राष्ट्रमंडल खेलों की स्टार खिलाड़ी मनिका ने कहा, ‘मैं कई चीजों में बदलाव करना चाहती हूं, जो मेरे प्रतिद्वंद्वियों को परेशान और हैरान कर देगा। मैं इस पर काम कर रही हूं।’ भारतीय महिला टीम का नेतृत्व करते हुए मनिका ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीता था। महिला एकल में उन्होंने स्वर्ण और महिला युगल वर्ग में रजत पदक जीता था। इसके अलावा मनिका ने मिश्रित युगल वर्ग में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।
मनिका ने कहा, ‘मैं अपनी फिटनेस पर काम कर रही हूं। मुझे अपनी फिटनेस पर काम करना पड़ता है, क्योंकि यहां कहीं न कहीं मैं कमजोर पड़ रही हूं। मुझे एशियाई खेलों में अपने प्रतिस्पर्धियों को अच्छी टक्कर देनी है और इसमें फिटनेस की भूमिका अहम होगी। मुझे और भी फुर्ती हासिल करनी है।’ राष्ट्रमंडल खेलों में मनिका की सफलता में उनके बैकहैंड खेल ने अहम भूमिका निभाई थी, क्योंकि इसके दम पर उन्होंने वर्ल्ड नंबर-4 तियानवेई फेंग को टक्कर दी थी।
अपने खेल की रणनीति में बदलाव के पीछे का कारण बताते हुए मनिका ने कहा, ‘अगर आप एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की तुलना करते हैं, तो दोनों बेहद अलग हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में चीन का कोई खिलाड़ी नहीं था, इसलिए मुझे लगता है कि हमारे लिए यह काफी मुश्किल होगा। हालांकि, हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमें जीतना है।’
अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटीटी) लीग के दूसरे संस्करण का खिताब मनिका की टीम दबंग स्मैशर्स ने जीता है। ऐसे में उनके करियर में यूटीटी की भूमिका के बारे में मनिका ने कहा, ‘इस लीग ने मेरे साथ-साथ अन्य खिलाड़ियों की भी मदद की है। हम यहां उच्च स्तरीय खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं और फिर प्रो-टूर पर जाते हैं। ऐसे में सभी चीजें सहज हो रही हैं।’ मनिका ने कहा कि यूटीटी के जरिए युवा खिलाड़ियों को भी उबरने में मदद मिल रही है। उन्हें विश्व भर के अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलने और अभ्यास करने का अनुभव मिलता है।
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