एलपीजी सब्सिडी छोड़ने से बचे 100 करोड़ बचे
| नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमीरों से सब्सिडीशुदा रसोई गैस कनेक्शन छोड़ने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार 2022 में ऊर्जा आयात पर निर्भरता 10 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। पेट्रोलियम कंपनियों की अगले चार साल में पाइप्ड रसोई गैस कनेक्शन मौजूदा 27 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ परिवार करने की योजना साझा करते हुए मोदी ने कहा कि 2.8 लाख उपभोक्ताओं द्वारा एलपीजी सब्सिडी वापस करने के फैसले से 100 करोड़ रुपये की बचत होगी। मोदी ने ‘ऊर्जा संगम’ में कहा ‘मैंने एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की छोटी-सी बात कही थी। 2.8 लाख लोगों इस पर सकारात्मक पहल की और इससे कम से कम 100 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस 100 करोड़ रुपये का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जा सकता है।’ डीबीटी से हुआ फायदा मोदी ने कहा कि जनधन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में 12 करोड़ लोगों को सीधे गैस सब्सिडी पहुंचाई जा रही है। इस तरह की यह अपने आप में दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना है। इससे सब्सिडी की गड़बड़ी (लीकेज) बंद करने और भ्रष्टाचार से प्रभावशाली तरीके से निपटने में मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘भ्रष्टाचार से निपटने के लिए यदि संस्थागत प्रणाली, पारदर्शी प्रणाली, नीतिगत प्रणाली अपनाई जाती है तो हम गड़बड़ी बंद कर सकते हैं और यह नकदी अंतरण से साबित हो गया है।’ आयात कम करने पर जोर उन्होंने कहा ‘यदि हम घरेलू उत्पादन में 10 प्रतिशत वृद्धि कर 2022 तक पेट्रोलियम आयात 10 प्रतिशत घटाने में कामयाब हुए तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि 2030 तक हम इसका आयात घटाकर 50 प्रतिशत कर सकते हैं।’ घरेलू ऊर्जा कंपनियों को बहुराष्ट्रीय बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्यादातर सार्वजनिक एवं निजी कंपनियां देश में परिचालन कर रही हैं और उन्हें ऐसे ऊर्जा बाजार की तलाश करने और उनका फायदा उठाने की जरूरत है जो वैश्विक हैं। कौशल विकास की पहल जेट्रोफा उगाने पर जोर ऊर्जा क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहलों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि डीजल मूल्य को नियंत्रण-मुक्त किया गया और गरीबों तथा छात्रों के फायदे के लिए पांच किलोग्राम के छोटे गैस सिलेंडर जारी किए गए। मोदी ने कहा कि सरकार पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि इससे संकट से जूझ रहे चीनी क्षेत्र को कुछ सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसान को जेट्रोफा उगाने के लिए उसर जमीन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसका उपयोग बायो डीजल बनाने में होता है। देश की आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा ‘हमारा लक्ष्य ऊंचा होना चाहिए तभी हम आयात पर निर्भरता कम कर सकेंगे, इसके लिए हमें कोशिश करनी होगी।’
सरकार द्वारा रसोई गैस सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में डालने की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की नई योजना शुरू करने के बाद से कई लोग स्वेच्छा से सब्सिडी योजना से बाहर हुए हैं।
भारत द्वारा 77 प्रतिशत पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर निर्भरता का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 2022 तक इसमें 10 प्रतिशत कमी लाने की कोशिश होनी चाहिए। वर्ष 2022 में जब देश अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब देश में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर निर्भरता कम होनी चाहिए। उन्होंने कहा ‘हम 2022 में इस आयात में कम से कम 10 प्रतिशत कम कर सकेंगे। इस 10 प्रतिशत का उत्पादन हम स्वयं करेंगे और यह हमारा सपना होना चाहिए।’
मोदी ने उम्मीद जताई कि देश की युवा आबादी और सरकार द्वारा कौशल विकास पर ध्यान देने से ऊर्जा क्षेत्र की दिक्कतों से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 100 दिन में जनधन योजना के तहत 12 करोड़ बैंक खाते खोले गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जनधन योजना के जरिए जनशक्ति और ऊर्जा शक्ति को जोड़ने का प्रयास किया गया है, क्योंकि सरकार इन खातों में सीधे सब्सिडी का अंतरण कर रही है।
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
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