एयर इंडिया के रिटायर्ड अधिकारी से हुई ठगी
|एनबीटी न्यूज, ग्रेटर नोएडा : एयर इंडिया के रिटायर्ड अधिकारी ने एक दंपती पर 60 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए कासना कोतवाली में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि अल्फा-1 कमर्शल बेल्ट में दुकान बेचने का लालच देकर आरोपियों ने 60 लाख रुपये ले लिए और अब दुकान की रजिस्ट्री करने से इनकार कर रहे हैं, जबकि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने दुकान को पीड़ित के नाम पर ट्रांसफर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली स्थित डिफेंस कॉलोनी निवासी अनिल कुमार गोयल सीनियर सिटिजन हैं। वह एयर इंडिया में बोर्ड मेंबर की पोस्ट से रिटायर हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार किशोर सक्सेना ने अनूप श्रीवास्तव से उनकी मुलाकात कराई। अनूप श्रीवास्तव ने अल्फा-1 कमर्शल बेल्ट स्थित अपनी दुकान को बेचने की इच्छा जताई। दुकान का सौदा 70 लाख रुपये में तय हुआ। उन्होंने 23 नवंबर 2011 से 25 फरवरी 2013 के बीच 55 लाख रुपये दंपती के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। इसके अलावा अथॉरिटी में दुकान की एनओसी और ट्रांसफर कराने की एवज में करीब 5 लाख रुपये जमा कराया। इसके बाद अथॉरिटी ने 22 फरवरी 2013 को दुकान उनके नाम पर ट्रांसफर कर दी, लेकिन आरोपी अनूप श्रीवास्तव और उनकी पत्नी सबीना ने दुकान की रजिस्ट्री करने से इनकार कर दिया। बाद में आरोपियों ने कहा कि उनकी दुकान की कीमत ज्यादा है। आरोपी ने थर्ड पार्टी को दुकान बेचने को कहा और 70 लाख से ज्यादा जो भी पैसा मिलेगा, उसमें आधा-आधा बांटने की बात तय हुई। मनोज गुप्ता से 1.5 करोड़ रुपये में दुकान का दोबारा सौदा हुआ। एग्रीमेंट भी हो गया, लेकिन फिर आरोपियों ने दुकान की रजिस्ट्री नहीं की। पीड़ित का कहना है कि आरोपी तीन साल से उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। कोतवाली कासना इंचार्ज सुधीर त्यागी का कहना है कि एसपी देहात के निर्देश पर दंपती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली स्थित डिफेंस कॉलोनी निवासी अनिल कुमार गोयल सीनियर सिटिजन हैं। वह एयर इंडिया में बोर्ड मेंबर की पोस्ट से रिटायर हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार किशोर सक्सेना ने अनूप श्रीवास्तव से उनकी मुलाकात कराई। अनूप श्रीवास्तव ने अल्फा-1 कमर्शल बेल्ट स्थित अपनी दुकान को बेचने की इच्छा जताई। दुकान का सौदा 70 लाख रुपये में तय हुआ। उन्होंने 23 नवंबर 2011 से 25 फरवरी 2013 के बीच 55 लाख रुपये दंपती के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। इसके अलावा अथॉरिटी में दुकान की एनओसी और ट्रांसफर कराने की एवज में करीब 5 लाख रुपये जमा कराया। इसके बाद अथॉरिटी ने 22 फरवरी 2013 को दुकान उनके नाम पर ट्रांसफर कर दी, लेकिन आरोपी अनूप श्रीवास्तव और उनकी पत्नी सबीना ने दुकान की रजिस्ट्री करने से इनकार कर दिया। बाद में आरोपियों ने कहा कि उनकी दुकान की कीमत ज्यादा है। आरोपी ने थर्ड पार्टी को दुकान बेचने को कहा और 70 लाख से ज्यादा जो भी पैसा मिलेगा, उसमें आधा-आधा बांटने की बात तय हुई। मनोज गुप्ता से 1.5 करोड़ रुपये में दुकान का दोबारा सौदा हुआ। एग्रीमेंट भी हो गया, लेकिन फिर आरोपियों ने दुकान की रजिस्ट्री नहीं की। पीड़ित का कहना है कि आरोपी तीन साल से उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। कोतवाली कासना इंचार्ज सुधीर त्यागी का कहना है कि एसपी देहात के निर्देश पर दंपती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।
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