एयरसेल-मैक्सिस मामला: दो मलेशियाई नागरिकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
|विशेष अदालत के न्यायधीश ओ.पी. सैनी ने आदेश दिया कि मारन बंधुओं और दो आरोपी कंपनियों के खिलाफ सुनवाई को मलेशिया में रहने वालों – कृष्णन, मार्शल और दो कंपनियों आस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क पीएलसी और मैक्सिस कम्युनिकेशंस बेरहाड — से अलग रखा जाये। अदालत ने कहा कि उनके उपस्थित होने में लंबा समय लग सकता है ऐसे में पूरी प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
अदालत ने कहा, यह आदेश दिया जाता है कि अदालत में हाजिर होने वाले आरोपियों, दयानिधि मारन, कलानिधि मारन, मैसर्स सन डायरेक्ट टीवी, प्रा. लिमिटेड और मैसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड की सुनवाई को दूसरे आरोपियों राल्फ मार्शल, टी आनंद कृष्णन, मैसर्स एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क पीएलसी और मैसर्स मैक्सिस कम्युनिकेशंस बेरहड …से अलग रखा जाये।
अदालत ने कहा, इन चार आरोपियों से संबंधित एक प्रकीर्ण फाइल खोली जानी चाहिये। इससे आगे यह आदेश दिया जाता है कि मार्शल और कृष्णन के खिलाफ एक खुला और लंबी अवधि का गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाये।
अदालत का यह आदेश केन्द्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: के उस आवेदन के बाद आया है जब एजेंसी ने अगस्त में दोनों विदेशी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आग्रह किया। एजेंसी ने कहा कि उनके खिलाफ जो सम्मन जारी किये गये वह उन तक पहुंचाये नहीं जा सके।
सीबीआई ने मामले में आईपीसी की धारा 120-बी :आपराधिक साजिश: और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के संबंधित प्रावधानोें के तहत आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
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