एमसीडी: सुलझ नहीं पा रहा नेता सदन का मसला

नई दिल्ली
दिल्ली की तीनों एमसीडी में बीजेपी ने जबर्दस्त बहुमत तो पा लिया है, लेकिन अभी तक वहां नेता सदन का मसला सुलझता नजर नहीं आ रहा है। जिन पार्षदों को नेता सदन बनाने की अनौपचारिक घोषणा की गई थी, उन पर अभी तक मुहर नहीं लग पाई है। माना जा रहा है कि यहां भी केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के बीच एक राय नहीं बन पा रही है। यही वजह है कि अभी तक नाम फाइनल नहीं हो पाए हैं।

तीनों एमसीडी में बीजेपी के मेयरों का निर्वाचन हो चुका है। इसके अलावा डिप्टी मेयर भी पदभार संभाल चुके हैं। तीनों एमसीडी में स्थायी समिति के अध्यक्ष की घोषणा भी बीजेपी की ओर से की जा चुकी है। लेकिन उन्होंने पदभार इसलिए नहीं संभाला है, क्योंकि इनके चुनाव के लिए तीनों निगमों के जोन से सदस्य चुनकर आने हैं। उनका चयन होने के बाद स्थायी समिति के अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा, पर सारा मसला नेता सदन पर अटका हुआ है। नेता सदन का चयन न होने से पार्षद खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि कुछ काम करवाने के लिए उन्हें पहले नेता सदन से ही कहना होता है, लेकिन उनका चयन न होने से उनके काम रुक रहे हैं।

बताया जा रहा है कि जब तीनों एमसीडी में मेयर आदि के चयन की प्रक्रिया चल रही थी, तब बीजेपी की ओर से तीनों एमसीडी के लिए नेता सदन की अनौपचारिक घोषणा कर दी गई थी। इनमें नॉर्थ एमसीडी के लिए जयप्रकाश, साउथ एमसीडी के लिए शिखा राय और ईस्ट एमसीडी के लिए संतोष शामिल हैं। लेकिन इनकी अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हो पा रही है।

सूत्र बताते हैं कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी में एक राय नहीं बन पा रही है। बताया जा रहा है कि तीनों संभावित नेता सदन विजय गोयल के करीबी बताए जाते हैं, जबकि तिवारी इन नामों में बदलाव चाहते हैं। इस मसले पर प्रदेश बीजेपी महासचिव राजेश भाटिया का कहना है कि आधिकारिक तौर पर नेता सदन के नाम की घोषणा होना बाकी है। अभी वह फाइनल नहीं हुए हैं। पार्टी द्वारा चुन लिए जाने के बाद उनके नामों की घोषणा कर दी जाएगी।

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