एमसीडी: इस सप्ताह जारी हो जाएगा सरकारी नोटिफिकेशन!
|अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो दिल्ली सरकार इस सप्ताह नोटिफिकेशन जारी कर सकती है, जिसके बाद एमसीडी का कामकाज सुचारू हो जाएगा और वहां कमेटियों के अलावा जोनल कमिटी भी बन जाएंगी। माना जा रहा है कि उपराज्याल अनिल बैजल ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया था, इसके अलावा एमसीडी ने भी चेतावनी जारी कर दी थी कि अगर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
नोटिफिकेशन के विवाद से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कल दोपहर नॉर्थ एमसीडी मेयर प्रीति अग्रवाल को बुलाया था। मेयर पूरी तैयारी के साथ अपने साथ कमिश्नर पीके गुप्ता व अन्य आला अफसरों को लेकर गई। मंत्री के साथ उनकी मीटिंग करीब एक घंटा चली। मेयर ने कहा कि नोटिफिकेशन को लेकर दिल्ली सरकार तीन बार सवाल-जबाव कर चुकी है, इसके बावजूद नोटिफिकेशन जारी नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सभी छह जोन में वॉर्ड सिस्टम को बैलेंस करना है, ताकि सभी लोगों को निगम की सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। इस बाबत मेयर ने अपने पुराने तर्क दोहराए और जैन से कहा कि नोटिफिकेशन न होने से एमसीडी के सभी कामकाज रुके पड़े हैं, क्योंकि न तो स्थायी समिति का गठन हो पा रहा है और न ही जोन में जोनल कमिटी बन पा रही है।
सूत्र बताते हैं कि मेयर और कमिश्नर ने जो बातें मंत्री को बताई, उन्होंने अपने साथ के अफसरों से काउंटर चेक किया। अफसरों का कहना है कि इसमें कोई झोल नजर नहीं आ रहा है। यह पूछे जाने पर कि आप अलग से एक जोन क्यों बनाना चाहते हो, मेयर का कहना था कि हम ऐसा कर एक जोन कम भी कर रहे हैं ताकि एमसीडी पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े और न ही कर्मचारियों का संकट झेलना पड़े। बैठक में दिल्ली सरकार के शहरी विकास व विधि विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद थे। एक घंटे तक चली बातचीत के बाद मंत्री ने कहा कि उनके पास इस बात की जानकारी और पहुंचा दी जाए कि परिसीमन से पहले के वॉर्ड किस विधानसभा में थे और परिसीमन के बाद वे किस विधानसभा में चले गए। मेयर उसे आज पहुंचाने का वादा कर आईं हैं।
सूत्र बताते हैं कि सरकार एमसीडी नेताओं के तर्कों से संतुष्ट नजर आ रही है, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि वह इस सप्ताह नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। वैसे इसके पीछे एक कारण यह भी है कि एमसीडी नेताओं ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर दिल्ली सरकार की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्होंने सरकार के चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी थी। इसके अलावा एमसीडी नेताओं ने यह भी चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने जल्द नोटिफिकेशन जारी नहीं किया तो वह कोर्ट में चले जाएंगे। इन दबाव के चलते सरकार को नोटिफिकेशन जारी करने का मन बनाना पड़ा है।
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