एमसीडी: इसलिए नहीं हो रहा कमेटियों का गठन
|तीनों एमसीडी की पॉवरफुल स्थायी समिति व अन्य विशेष व एडहॉक कमेटियों का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। उसका कारण यह है कि एमसीडी द्वारा जो प्रस्ताव बनाकर दिल्ली सरकार को भेजा जाना चाहिए, उसमें कुछ गड़बड़ बताई जा रही है। इसी के चलते सरकार एक बार एमसीडी का प्रस्ताव खारिज कर चुकी है और अब जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसे भी कुछ ‘अलग’ बताया जा रहा है। अब सरकार की मर्जी पर है कि वह पारित करे या उसे एक बार फिर से निरस्त कर दे। कमेटियों का गठन न होने से एमसीडी के कामकाज और विकास कार्य रुके पड़े हैं।
तीनों एमसीडी के गठन को दो माह से अधिक का समय बीत चुका है। इस दौरान वहां आधिकारिक तौर पर मेयर और डिप्टी मेयर का ही चुनाव हो पाया है। लेकिन महत्वपूर्ण स्थायी समिति व 23 विशेष एडहॉक कमेटियों का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। इसके चलते तीनों एमसीडी के महत्वपूर्ण काम व योजनाएं रुकी पड़ी हैं, क्योंकि यही कमेटियां उन्हें पारित करती है और बजट आदि तैयार करती हैं। असल में इन कमेटियों के गठन को लेकर तीनों एमसीडी को एक प्रस्ताव बनाकर दिल्ली सरकार तक भिजवाना होता है, जिस पर सरकार मुहर लगाकर भेज देती है, लेकिन इस बार नॉर्थ एमसीडी ने प्रस्ताव में अपने छह जोन में बदलाव भी जोड़ दिया, जिसे दिल्ली सरकार ने नहीं माना और उसे रिजेक्ट कर दिया। खास बात यह रही कि इसके चलते बाकी दो साउथ व ईस्ट एमसीडी का प्रस्ताव भी रुक गया।
एमसीडी सूत्रों के अनुसार उसकी ओर से एक बार फिर से दिल्ली सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। एमसीडी प्रवक्ता वाईएस मान ने माना कि एक बार फिर से प्रस्ताव जा चुका है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि टाउन प्लानिंग से जुड़े अफसरों ने जो नया प्रस्ताव बनाया है, उसमें इस बार किसी भी एमसीडी के जोन में बदलाव की बात नहीं की। लेकिन एक गड़बड़ ये कर दी गई है कि इस प्रस्ताव के साथ उस पुराने प्रस्ताव को भी एक बार भेज दिया गया, जिसे सरकार पहले ही खारिज कर चुकी है। बताते हैं कि अब यह सरकार की मर्जी पर होगा कि वह एमसीडी की इस कथित गड़बड़ी पर क्या निर्णय लेती है। दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार अब यह सरकार पर निर्भर है कि वह प्रस्ताव को एक बार फिर से खारिज कर सकती है, या उसे पारित भी कर सकती है। इस मसले पर नॉर्थ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने इस बात पर खासी नाराजगी जताई है कि एमसीडी में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं की अति महत्कांक्षा के चलते अभी तक तीनों एमसीडी का सुचारू गठन नहीं हो पाया है और कामकाज रुका पड़ा है।
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