एमएलए फंड खर्च न होने से दुखी हैं आप विधायक
|आम आदमी पार्टी के विधायक आजकल खासे दुखी हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों रुपये का एमएएलए फंड मुहैया करा रखा है, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते वे इस फंड का खर्च नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एमसीडी को भी जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि एमसीडी नेता उनकी राह में रोड़े अटका रहे हैं। विधायक दिल्ली पुलिस से भी खासे खफा हैं और आरोप लगा रहे हैं कि थानों में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
दिल्ली विधानसभा के कल हुए एक दिन के विशेष सेशन में विधायकों ने अपने दिल का दर्द सदन में रखा और बताया कि कैसे फंड को लेकर उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सदन में विशेष उल्लेख के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य सौरभ भारद्वाज, प्रमिला टोकस, अलका लांबा, राजेंद्र पाल गौतम, संजीव झा, सरिता सिंह, सोमनाथ भारती आदि ने दिल्ली व अपने इलाकों की समस्याएं उठाई लेकिन उनका ज्यादातार फोकस एमएएलए फंड को लेकर ही रहा। उनका कहना था कि इलाके में कुछ विकास कार्य एमसीडी की ओर से करने होते हैं। इनके लिए वे एमएएलए फंड की धनराशि एमसीडी में जमा करा चुके हैं, लेकिन एमसीडी इस मसले पर कोई काम ही नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि एमसीडी नेताओं द्वारा विधायकों को बदनाम किया जा रहा है कि वे इलाके में कोई काम नहीं कर रहे हैं, जबकि गलती एमसीडी की है।
विधायकों के अनुसार उन्होंने अपने इलाकों में गलियों को बनवाने, एलईडी लाइटें आदि लगाने के लिए एमसीडी के पास फंड मुहैया करवा रखा है, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी इन पर कोई काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपने इलाकों में लाइटें लगाने के लिए भी एमसीडी से एनओसी चाहिए, लेकिन वहां से मिलता ही नहीं है। उन्होंने मांग की कि इस समस्या से निपटने के लिए सदन में तीनों एमसीडी कमिश्नरों को बुलाया जाए और उन्हें आदेश दिए जाएं कि विधायकों के काम को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। बैठक में पुलिस का मसला भी उठा और आरोप लगाया गया कि वह विधायकों के प्रति बिल्कुल भी जवाबदेह नहीं है। हम किसी गिरफ्तारी का विरोध करते हैं तो पुलिस हमें थाने में नहीं घुसने देती और कहती है कि कोई शिकायत लिखनी है तो बाहर से लिखकर लाओ। हमें थाने में बैठने तक नहीं दिया जा रहा है।
सदन में पीडब्ल्यूडी व गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने विधायकों को कहा कि अगर उन्हें एमसीडी अफसरों से कोई शिकायत है तो वह उसके खिलाफ हमें शिकायत दें। सरकार उन पर एक्शन करेगी। पुलिस को लेकर उन्होंने उपराज्यपाल नजीब जंग पर आरोप लगाए और कहा कि उन्होंने जिला लेवल कमिटी तो बनाने के आदेश जारी कर दिए है, क्योंकि उनकी अध्यक्षता सांसद करते हैं, लेकिन थाना स्तर की कमिटी बनाने से इनकार कर दिया। वो इसलिए कि उसके अध्यक्ष विधायक होते हैं। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में जनप्रतिनिधियों के प्रति जवाबदेह होने के लिए पुलिस की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
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