एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध पर अंतरिम रोक की मियाद बढ़ाकर 28 मार्च की

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ तय मिश्रित खुराक (एफडीसी) वाली दवाओं पर केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाने संबंधी अंतरिम आदेश की मियाद 28 मार्च तक के लिए बढ़ा दी। केंद्र ने प्रतिबंध पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश समाप्त करने की यह कहते हुए मांग की थी कि अदालत का यह फैसला ‘जनहित और मरीज की सुरक्षा’ के खिलाफ है और दवा कंपनियों का एकमात्र उद्देश्य मुनाफा कमाना है।

सरकार द्वारा यह बात न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में कही गई। न्यायमूर्ति एंडलॉ ने सरकार के प्रतिबंध को चुनौती देने वाले सभी मामलों पर सुनवाई 28 मार्च को करने का निर्णय किया और कहा, ‘अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख तक बरकरार रहेगा।’ दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह केंद्र के प्रतिबंध लगाने के निर्णय पर स्थगन आदेश जारी किया था।

केंद्र ने फाइजर, ग्लेनमार्क, प्रॉक्टर ऐंड गैंबल और सिप्ला समेत करीब 30 दवा कंपनियों की कुछ एफडीसी दवाओं पर रोक लगाई थी। शुरुआत में अंतरिम राहत फाइजर के कफ सिरप ‘कोरेक्स’ को 14 मार्च को दी गई। बाद में सप्ताह के दौरान 30 से अधिक कंपनियों को यह अंतरिम राहत प्रदान की गई।

अदालत ने सरकार की अधिसूचना के क्रियान्वयन पर 21 मार्च तक रोक लगाते हुए केंद्र को इन कंपनियों के खिलाफ कोई प्रतिरोधी कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया था। बाद में कुछ मामलों में जहां कंपनियों ने राज्य प्राधिकरणों से लाइसेंस ले रखा है, अदालत ने सरकार को किसी अन्य कानून के तहत कार्रवाई करने की अनुमति दी थी।

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