एनबीएफसी के पुनर्गठित खातों से चूक बढ़ीः इक्रा
|गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पुनर्गठित खातों का एक बड़ा हिस्सा वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में चूक करके गैर निष्पादित संपत्तियों में चला गया है। यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा महामारी के दौरान दी गई मॉरेटोरियम की सुविधा के तहत पुनर्गठित किया गया था। इसके कारण इस सेक्टर के संपत्ति की गुणवत्ता उस रफ्तार से नहीं सुधर रही है, जितनी सुधरने की उम्मीद की गई थी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के आकलन के मुताबिक मार्च 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक एनबीएफसी के पुनर्गठित खातों का 24 प्रतिशत एनपीए में चला गया है। वहीं इसमें लगभग 17 प्रतिशत पुनर्भुगतान कर रहे हैं। हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों (एचएफसी) के मामले में इस खातों का 10 प्रतिशत से ज्यादा एनपीए हो गया है, जबकि 6.4 प्रतिशत नियमित पुनर्भुगतान कर रहे हैं।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में पुनर्गठित खाते की चूक बढ़ी है क्योंकि ज्यादातर पुनर्गठित खाते मॉरेटोरिटम अवधि के बाहर आ गए हैं। परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार की यह एक अहम वजह थी।’ बहरहाल यह उम्मीद की जा रही है कि पुनर्गठित संपत्तियों से बढ़ा दबाव वित्त वर्ष 23 की दूसरी छमाही में संभल जाएगा।
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