एक तस्वीर यह भी, चीन में तेजी से बढ़ रहा है आय का अंतर
|चीन की अर्थव्यवस्था का दुनिया पूरी दुनिया लोहा मान रही है। लेकिन उसकी तेज रफ्तार इकनॉमी का एक चेहरा और भी है, जिसे शायद दुनिया नहीं जानती। चीन में आर्थिक गैरबराबरी का स्तर बहुत अधिक है। कम्युनिस्ट देश में आय की गैरबराबरी का आलम यह है कि एक पर्सेंट लोगों के पास ही चीन की 33 पर्सेंट संपदा है, जबकि 25 पर्सेंट गरीब आबादी महज एक पर्सेंट संपत्ति पर ही गुजारा करने को मजबूर है। चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक आय के मामले में चीन का गुणांक 0.49 है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 0.40 दुनिया में सबसे न्यूनतम गुणांक है। आबादी के लिहाज से दुनिया के 25 सबसे बड़े देशों में साउथ अफ्रीका और ब्राजील का गुणांक सबसे अधिक क्रमश: 0.63 और 0.53 है। इस मामले में अमेरिका की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। अमेरिका का गुणांक 0.41 है। फाइनैंशल टाइम्स के मुताबिक यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल सायेंस की स्टडी में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि कम्युनिस्ट देश को सामाजिक योजनाओं में अपने बजट खर्च में इजाफा करना होगा।
फाइनैंशल टाइम्स के अनुसार चीन में 1980 के बाद से आर्थिक गैरबराबरी और आय में असमानता तेजी से बढ़ी है। पेइचिंग की रेनमिन यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र के प्रफेसर झोऊ शियाउझेंग ने कहा, ‘इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन में आय में असमानता लगातार बढ़ती ही जा रही है। सीधे शब्दों में कहें तो गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीर और अमीर। इस तथ्य को जानने के लिए आपको किसी रिपोर्ट को पढ़ने की आवश्यकता नहीं है।’
हालांकि चीन में कई बड़े देशों के मुकाबले आय की असमानता कम है, लेकिन अमेरिका की हालत इस मामले में सबसे बदतर है। 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 1 पर्सेंट लोगों के पास देश की कुल 42 फीसदी संपदा है। चीन में तेजी से बढ़ रही आर्थिक गैरबराबरी की सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार और अघोषित आय है। हालांकि गुरुवार को सामने आई हुरून रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन में अरबपतियों की संख्या में भी पिछले साल के मुकाबले 8 पर्सेंट का इजाफा हुआ है।
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