ऊबर और ओला के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट
| नई दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए बैन के बावजूद दिल्ली में लगातार ऑपरेट कर रही मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी सर्विस उबर और ओला के खिलाफ दिल्ली के टूरिस्ट टैक्सी ऑपरेटरों ने शनिवार को जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट किया। इस दौरान ऑपरेटरों का का मुख्य निशाना केंद्र की बीजेपी और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार रही। ऑपरेटरों का आरोप था कि केंद्र और दिल्ली सरकार की शह की वजह से ही ये कंपनियां बैन के बावजूद खुलेआम ऑपरेट कर रही हैं। अब टूरिस्ट टैक्सी ऑपरेटरों ने इन कंपनियों के खिलाफ देशभर के ट्रांसपोर्टरों को लामबंद करने की मुहिम शुरू कर दी है। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स असोसिएशन के बैनर तले शनिवार काे बड़ी तादाद में टैक्सी ऑपरेटर जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट के लिए इकट्ठा हुआ। भारतीय मजदूर संघ की ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारी राजेंद्र सोनी भी इनके सपोर्ट के लिए पहुंचे। उनके साथ काली पीली टैक्सियों के कई ऑपरेटर भी आए थे। इन लोगों का आरोप था कि अगर केंद्र और राज्य सरकार उबर और ओला को लेकर इसी तरह उदासीन बनी रही, तो कुछ दिन बाद किसानों की तरह टैक्सी ऑपरेटरों को भी आत्महत्याएं करनी पड़ेगी। असोसिएशन के प्रेसिडेंट संजय सम्राट का कहना था कि जब कंपनियां खुद यह क्लेम कर रही हैं कि उनके साथ जुड़े ड्राइवर एक लाख रुपये महीना कमा रहे हैं, तो क्या सरकार ने यह पता लगाया कि वो इनकम टैक्स और सर्विस टैक्स भर रहे हैं या नहीं। उनका यह भी आरोप था कि ऐप चलाने वाली ये कंपनियां अपने साथ जुड़ने के लिए कुछ खास कंपनियों की गाड़ियां खरीदने के लिए भी ड्राइवरों पर दबाव बना रही हैं। इसके चलते कुछ समय बाद देश की अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडरा सकता है। सम्राट का कहना था कि बैन के नाम पर ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, जिसके चलते अन्य टैक्सी ऑपरेटरों को भूखों मरने की नौबत आ गई है।
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