ईरान से कच्चे तेल की सप्लाइ रुकने पर ‘प्लान डी’ के साथ तैयार है भारत
|ईरान के सबसे बड़े तेल खरीदारों में से एक इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन कहना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते अगर कच्चे तेल की सप्लाइ रुक जाती है तो भी इसके पास कई विकल्प मौजूद हैं। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि ईरान से तेल का निर्यात रुकने की स्थिति में अकेले सऊदी अरब भी इसकी भरपाई कर सकता है। इसके अलावा ब्रेंट क्रूड और दुबई ऑइल भी भारत को और विकल्प देते हैं। बता दें कि IOC ईरान से कच्चा तेल खरीदने वाले बड़े ग्राहकों में से एक है। सिंह ने कहा, ‘हमारे पास कच्चे तेल के व्यापक स्रोत हैं। ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम खरीद नहीं सकते।’
एशिया के कई ग्राहक डॉनल्ड ट्रंप की अपील पर ईरान के साथ व्यापार रोकने पर विचार कर रहे हैं। कई रिफाइनर्स सऊदी अरब और इराक को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। IOC के फाइनैंस डायरेक्टर एके शर्मा ने कहा कि 31 मार्च को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में ईरान से 70 लाख टन क्रूड खरीदने की योजना बनाई गई थी। वहीं पिछले साल ईरान से 40 लाख टन कच्चा तेल लिया गया था। उन्होंने कहा कि मई में भारत ने एक दिन में ईरान से लगभगग 771,000 बैरल कच्चा तेल खरीदा जो कि अप्रैल से 35 फीसदी ज्यादा था।
शर्मा ने कहा, ‘हम ईरान से उच्च सल्फर वाला कच्चा तेल खरीदते हैं। आज अगर हम दुबई और ब्रेंट के बीच कच्चे तेल की कीमत की तुलना करें तो यह न के बराबर है। इसलिए विकल्प खुले हुए हैं।’ ब्रेंट ने दुबई को 3.58 डॉलर प्रति बैरल के प्रीमियम पर कच्चा तेल दिया जो कि लगभग 4 सालों में सबसे कम था। यह IOC को मिडिल ईस्ट के अलावा कच्चे तेल का विकल्प देता है।
IOC ने क्रूड के 16 नए ग्रेड जोड़े हैं और इसमें 175 अलग-अलग तरह के प्रॉसेस करने की क्षमता है। इसने सस्ते ग्रेड की मात्रा बढ़ाने के लिए रिफाइनरी की क्षमता भी बढ़ाई है। IOC के चेयरमैन ने कहा, ‘हम पूरी तरह तैयार हैं और हमारे पास प्लान, B, C और प्लान D है।’
भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि एनर्जी सिक्यॉरिटी के साथ समझौता नहीं किया जाएगा और अपने लाभ के अनुसार ईरान से आयात किया जाएगा। सिंह ने कहा कि स्थिति लगभग रोज ही बदल रही है और देखना है कि समय के साथ क्या बदलाव होते हैं। ‘हम सभी स्थितियों से निपटने की स्थिति में हैं।’
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