इस साल देश में औसत से ज्यादा मॉनसूनी बारिश: स्काइमेट

नई दिल्ली
लगातार दो सालों तक सूखा पड़ने के बाद इस सीजन में देश में मॉनसूनी बारिश औसत से ज्यादा होने का अनुमान है। देश में मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एकमात्र निजी संस्था स्काइमेट ने सोमवार को यह अनुमान जताया।

जुलाई से सितंबर के मॉनसूनी सीजन में पूरे साल की करीब 70 फीसदी बारिश होती है। इस दौरान सिंचाई सुविधा से महरूम देश की करीब-करीब आधी खेती योग्य जमीन को पानी मिलता है। स्काइमेट ने एक बयान जारी कर कहा कि मॉनसूनी बारिश का लॉन्ग टर्म ऐवरेज 105 प्रतिशत होने का अनुमान है क्योंकि औसत से 35 प्रतिशत ज्यादा बारिश की संभावना है। बयान में कहा गया है कि मई के आखिर तक मॉनसून के केरल के दक्षिणी तट तक पहुंचते ही अल निन्यो का असर घट सकता है।

अल निन्यो या प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने से पूरे एशिया और पूर्वी अफ्रीका के वेदर कंडिशंस बदलेंगे जबकि दक्षिण अमेरिका में भारी बारिश के साथ बाढ़ की संभावना बनेगी। स्काइमेट ने कहा कि भारत के पश्चिमी तट और मध्य भागों में अच्छी बारिश होगी जिससे किसानों और नीति निर्माताओं को राहत मिलेगी जो कुछ क्षेत्रों में सूखे और पानी की भयावह समस्या का सामना कर रहे हैं।

औसत से ज्यादा मॉनसूनी बारिश कई कन्जयूमर गुड्स की मांग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि देश की करीब 1.30 अरब आबादी का 70 फीसदी गांवों में रहती है। गौरतलब है कि देश की 2 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में खेती का योगदान महज 14 प्रतिशत है लेकिन इस पर दो-तिहाई आबादी निर्भर है।

इधर, केंद्र सरकार ने भी इस साल मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान जताते हुए राज्यों को निर्देश दिया कि वह जून से शुरू होने वाले खरीफ सीजन में फसल का रकबा और उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम करें। ऐग्रिकल्चर सेक्रटरी शोभना के. पटनायक ने 2016-17 में खरीफ कैंपेन लॉन्च करने के लिए आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, ‘अल निन्यो कंडिशन घट रही है। ला निना कंडिशन के हावी होने के आसार हैं और इससे इस साल शायद अच्छा मॉनसून रहेगा।’

उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी इस महीने आ जाएगी जिससे मॉनसून की तस्वीर साफ हो जाएगी। खराब मॉनसून की वजह से देश का अनाज उत्पादन पिछले फसल वर्ष के 265.04 मिलियन टन के मुकाबले फसल वर्ष 2014-15 में घटकर 252.02 मिलियन टन रह गया था। हालांकि, फसल वर्ष 2015-16 में 14 प्रतिशत कम बारिश के बावजूद अनाज उत्पादन मामूली रूप से बढ़कर 253.16 मिलियन टन होने का अनुमान है।

Read in English: Expecting normal southwest monsoon this year: Centre

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