इसी हफ्ते से मिल सकता है टैक्स रिटर्न फाइल करने का मौका
|इंडिविजुअल्स की तरफ से असेसमेंट ईयर 2016-17 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की कवायद थोड़ी जल्द शुरू हो सकती है। उनको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुहैया कराए गए ऑनलाइन कैलकुलेटर से सालाना टैक्स देनदारी का पता करने में आसानी होगी। टैक्स कैलकुलेटर एक ऑनलाइन कंप्यूटर प्रोग्राम है, जिसको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर यूज किया गया है। इसका मकसद टैक्सपेयर्स या रिटर्न फाइल करने वालों को उनकी टैक्स देनदारी का पता करने में मदद करना है।
कैलकुलेटर यूजर के मौजूदा असेसमेंट ईयर के लिए सरकार की तरफ से नोटिफाइड बेसिक डिटेल और इनफॉर्मेशन सही से भरने पर काम करता है। ITR-1 और ITR-4 की ई फाइलिंग फैसिलिटी इसी हफ्ते से ऑनलाइन होने उसके और चालू होने की संभावना है। ITR-1 के जरिए सैलरी, सिंगल हाउस प्रॉपर्टी और दूसरे सोर्स से इनकम पाने वाले इंडिविजुअल अपनी रिटर्न फाइल करते हैं। ITR-4 प्रॉपराइटरी बिजनेस या प्रोफेशन से हासिल होनेवाली इनकम पर इंडिविजुअल्स और अविभाजित हिंदू परिवार (HUF) यूज करते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि दूसरे ITR फाइलिंग की सुविधा जल्द शुरू करा दी जाएगी।
ITR फॉर्म फाइनल होने के देर होने के चलते पिछले साल ई फाइलिंग 1 जुलाई से शुरू हुई थी। दरअसल एसेसी के बैंक एकाउंट डिटेल और फॉरेन ट्रैवल डिटेल का डिस्क्लोजर मांगने वाले 14 पन्ने के फॉर्म को लेकर विवाद हो गया था। बाद में फॉर्म को आसान बनाया गया और पन्नों की संख्या घटाकर तीन कर दी गई। इस साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने 30 मार्च को नए फॉर्म्स का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इस साल ITR 31 जुलाई की डेडलाइन तक भरे जा सकेंगे। ITR फॉर्म फाइल करते वक्त टैक्सपेयर को अपना पैन देना होगा। फिर फॉर्म में उसके पर्सनल इनफॉर्मेशन, चुकाए गए टैक्स की डिटेल और टीडीएस वाली सूचना अपने आप आ जाएगी।
इनकम टैक्स ऑफिसर्स ने बताया कि कैलकुलेटर हालिया बजट में घोषित टैक्स रेट को लेकर हुए नए एनाउंसमेंट्स के आधार पर डिपार्टमेंट की तरफ से अपडेट कर दिया गया है। कोई भी इंडिविजुअल, कॉरपोरेट या एंटिटी टैक्स लायबिलिटी जानने के लिए इस फैसिलिटी का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न फाइल करने वालों को आगाह किया है कि उनको सिर्फ इस पर ही डिपेंड नहीं होना चाहिए क्योंकि ITR में अलग-अलग रिक्वायरमेंट होती है, जो मुमकिन है कि कैलकुलेटर में शामिल नहीं हों।
टैक्स डिपार्टमेंट के डिस्क्लेमर के मुताबिक, ‘कैलकुलेटर पब्लिक को सिर्फ बेसिक टैक्स कैलकुलेशन का क्विक और आसान एक्सेस मुहैया कराता है। यह हर हालत में सही टैक्स कैलकुलेशन देने का दावा नहीं करता। इसलिए असेसीज को इस मामले में सलाह दी जाती है संबंधित अधिनियम, नियम वगैरह में बताए गए प्रावधान के मुताबिक सही कैलकुलेशन करके रिटर्न फाइल करें।’
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