इमर्जेंसी बढ़ा मालदीव ने दी चेतावनी- दखल ना दे कोई देश, भारत-अमेरिका हैरान
|मालदीव में इमर्जेंसी बढ़ाए जाने पर भारत और अमेरिका ने निराशा और हैरानी जताई है, जबकि वहां की सरकार ने किसी प्रकार के दखल की आशंका पर चेतावनी दी है। मालदीव के विदेश सचिव अहमद सरीर ने बुधवार को भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा से मुलाकात की और भारत की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की। इसके बावजूद भारत ने कहा है कि हमें इस बात पर गहरा आश्चर्य है कि मालदीव की सरकार ने इमर्जेंसी को 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया है।
यहां विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि इमर्जेंसी बढ़ाने को जिस तरह से वहां की मजलिस (संसद) में मंजूरी दी गई, वह मालदीव के संविधान से मेल नहीं खाता है। यह चिंता का विषय भी है। इससे राजनीतिक प्रक्रिया बहाल होने में देरी होगी। न्यायपालिका समेत लोकतांत्रिक संस्थाओं का कामकाज ठप रहेगा। इस बात की आशंका है कि मालदीव के सामान्य हालात की बहाली में इससे और देरी होगी। यह जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को संविधान के मुताबिक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करने दिया जाए।
अमेरिका ने भी इमर्जेंसी बढ़ाए जाने पर गहरी निराशा जताई है। उसने भी मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से इमर्जेंसी खत्म करने के लिए कहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, यामीन से कानून का शासन कायम रखने, संसद और न्यायपालिका का कामकाज उचित तरीके से चलने देने और मालदीव की जनता के संवैधानिक अधिकार बहाल करने के लिए कहा गया है। मालदीव को मानवाधिकारों पर दुनिया से किए वादों का भी सम्मान करने के लिए कहा गया है।
इस बीच मालदीव की सरकार ने कहा है कि हमने अपने अंतरराष्ट्रीय मित्रों और सहयोगियों की चिंताओं को ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा कि इमर्जेंसी बढ़ाने की सलाह राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की ओर से दी गई थी। संसद ने इसे मंजूरी इसलिए दी है कि सुप्रीम कोर्ट के 1 फरवरी के आदेश से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा था। इमर्जेंसी पर फैसला आखिरी प्रयास के तौर पर लिया गया।
सरकार की ओर से बताया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडरा रहे खतरे को संतोषजनक ढंग से निपटा लिया जाएगा तो इमर्जेंसी हटा ली जाएगी। यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारे मित्र और सहयोगी मालदीव सरकार और जनता के साथ खड़े रहें। चेतावनी भरे लहजे में कहा गया, ‘वे ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचें जो पहले से संवेदनशील स्थिति को और खराब करे और मालदीव में सामान्य स्थिति की बहाली को पटरी से उतारे। मालदीव की सरकार विपक्ष के साथ बातचीत करने को तैयार है, क्योंकि यह सामान्य स्थिति की बहाली के लिए जरूरी है। सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। सरकार दोहराना चाहेगी कि हम अपने यहां विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
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