इन ड्रग्स चैट्स को झुठला नहीं सकती दीपिका पादुकोण, संबंध स्थापित हुआ तो गंभीर धाराओं में दर्ज हो सकता है केस, हो सकती है गिरफ्तारी
|टॉप 3 में रहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का नाम ड्रग्स केस में सामने आ रहा है। 2017 में उनके और उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के बीच ड्रग्स को लेकर व्हाट्स ऐप पर हुई बातचीत अब दैनिक भास्कर के हाथ भी लगी है।
इनमें दीपिका, करिश्मा से हशीश(हैश) ड्रग्स मांगती हुई नजर आ रही है, जबकि सामने से करिश्मा कहती है कि, हैश नहीं वीड(गांजा) है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि दीपिका यह ड्रग्स अपने लिए मांग रही थीं या किसी और के लिए। इसमें ड्रग्स की मात्रा भी स्पष्ट नहीं है।
दीपिका और करिश्मा के बीच हुई चैट का जो कंटेंट सामने आया है वह साबित करता है कि दोनों ड्रग्स की बातचीत को लेकर कंफर्टेबल हैं।
- 28 अक्टूबर 2017 की सुबह 10:03 बजे दीपिका करिश्मा को लिखती हैं,'क्या तुम्हारे पास माल है?'
- 10:05 बजे, करिश्मा लिखती हैं,'मेरे पास है, लेकिन घर में है। मैं बांद्रा में हूं।'
- 10:05 बजे, अगले चैट में करिश्मा लिखती हैं,'क्या मैं अमित से कहूं, अगर तुम्हें चाहिए तो।'
- 10:07 बजे, दीपिका लिखती हैं,'Yes!! Pllleeeeasssee..'(यह साबित करता है कि वह इसे लेने के लिए कितनी उत्सुक हैं।)
- 10:08 बजे, करिश्मा लिखती हैं,"अमित के पास है। वह उसे लेकर आ रहा है।' (अमित कोई ड्रग पैडलर या करिश्मा और दीपिका के संपर्क में रहने वाला शख्स हो सकता है।)
- 10:12 बजे, दीपिका लिखती हैं,'हैश ना?' अगले चैट में वे लिखती हैं, 'वीड(गांजा) नहीं न?' (यहां हैश का मतलब हशीश से है।)
- इसके जवाब में 10:14 बजे, करिश्मा लिखती हैं,'तुम कितनी बजे कोको आ रही हो?'(कोको कोई क्लब, रेस्त्रां या किसी के घर का उपनाम हो सकता है।)
- 10:15 बजे, दीपिका लिखती हैं, '11:30 या 12 बजे तक'
- 10:15 बजे, दीपिका आगे लिखती हैं,'शैल* कितनी बजे तक वहां पहुंच जाएगी?(शैल स्पष्ट नहीं है कौन है।)
- इसपर करिश्मा लिखती हैं,'मुझे लगता है कि उसने कहा 11:30 था, क्योंकि उसे 12 बजे किसी दूसरी जगह पर पहुंचना था।
ऐसे करिश्मा से होते हुए दीपिका तक पहुंचा ड्रग्स का मामला
दीपिका की मैंनेजर के रूप में काम करने वाली करिश्मा प्रकाश क्वान नाम की एक सेलिब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी में काम करती हैं। यह कंपनी 40 से ज्यादा बॉलीवुड सेलेब्रिटीज और नामचीन हस्तियों को टैलेंट मैनेजर मुहैया करवाती है। रिया चक्रवर्ती की मैनेजर जया साहा भी इसी कंपनी के लिए काम करती हैं और वे करिश्मा की सीनियर हैं। एनसीबी, सीबीआई और ईडी की टीम जया से कई बार पूछताछ कर चुकी है। सोमवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा शुरू की गई पूछताछ मंगलवार को भी जारी है।
सूत्रों के मुताबिक, जया और करिश्मा के बीच एनसीबी को ड्रग्स की कुछ चैट मिली थी, जिसके बाद जांच एजेंसी ने इस मामले में गहनता से पड़ताल शुरू की और यह मामला दीपिका तक पहुंचा। करिश्मा को नारकोटिक्स विभाग ने समन कर पूछताछ के लिए बुला लिया है और माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत तक दीपिका को भी समन भेजा जा सकता है। इन तीनों को आमने-सामने बैठकर पूछताछ की जा सकती है।
ऐसे एक्सट्रैक्ट हुए होंगे दीपिका के ये चैट
करिश्मा और दीपिका पादुकोण के बीच यह ड्रग चैट 28 अक्टूबर 2017 की है। पुलिस विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर दैनिक भास्कर को बताया कि चैट के फॉरमेट को देख कहा जा सकता है कि यह दीपिका के ओरिजनल चैट हो सकते हैं। इन चैट के नीचे लिखे सोर्स यह साबित करते हैं कि यह एक्ट्रेस या उनकी मैंनेजर के मोबाइल फोन से नहीं बल्कि एक अन्य तकनीक से सॉफ्टवेयर की सहायता से एक्सट्रैक्ट किए गए हैं। आमतौर पर केंद्रीय जांच एजेंसीज या कुछ बड़ी डिटेक्टिव एजेंसीज इस तरह की चैट को एक्सट्रैक्ट कर सकती हैं। इसमें दोनों पार्टीज को इसकी भनक नहीं लगती है।
कंगना ने दीपिका पर तंज कसा, लिखा- "माल है क्या"
दीपिका का ड्रग कनेक्शन चैट सामने आने के बाद कंगना रनोट तुरंत ही इस मामले में कूद पड़ीं और उन्होंने ट्वीट करके दीपिका पर तंज कसा। कंगना ने लिखा है – ''मेरे बाद दोहराएं, डिप्रेशन नशीली दवाओं के सेवन का ही नतीजा होता है। तथाकथित हाई सोसायटी के धनी स्टार बच्चे, जो बड़े क्लासी होने का दावा करते हैं और अच्छी परवरिश पाते हैं, अपने मैनेजर से पूछते हैं, "माल है क्या?"
इन गंभीर धाराओं में दर्ज हो सकता है केस
ड्रग्स के साथ संबंध मिलने पर दीपिका और उनकी मैंनेजर पर एनडीपीएस एक्ट के तहत इन धाराओं में केस हो सकता है।
- सेक्शन 8(c): जानबूझकर कोई ऐसी संपत्ति खरीदना या उसका इस्तेमाल करना,जो इस कानून का उल्लंघन हो।
- सेक्शन 20(b)(ii):कोई कम मात्रा में प्रतिबंधित ड्रग्स बनाता, अपने पास रखता, बेचता, खरीदता या इस्तेमाल करते पाया जाता है
- सेक्शन 29: आपराधिक साजिश रचने और किसी को ड्रग्स लेने के लिए उकसाने के दोषी पाए जाने पर भी सजा का प्रावधान है।
- सेक्शन 22: ड्रग्स की कम क्वालिटी के लिए एक साल, से ज्यादा क्वालिटी के केस में 10 साल और कमर्शियल क्वालिटी के लिए 20 साल तक की सजा दी जा सकती है।
- सेक्शन 27A: प्रतिबंधित ड्रग्स से जुड़े एक्टिविटी को बढ़ावा देने या इसमें मदद करने के लिए कम से कम 10 साल की और अधिकतम 20 साल की सजा का प्रावधान। कोर्ट चाहे तो 2 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना भी वसूल सकती है।