इंश्योरेंस व लोन के नाम पर ठगते थे
| प्रमुख संवाददाता, नोएडा नोएडा पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो इंश्योरेंस करवाकर लोन देने का झांसा देकर फर्जीवाड़ा कर रहा था। चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का दावा है कि आरोपी एक करोड़ रुपये से अधिक का फ्रॉड कर चुके हैं। इस गिरोह ने दिल्ली में कॉलसेंटर बना रखा था, जहां से 10-12 लड़के-लड़कियां कॉलिंग करते थे। जो लोग इंश्योरेंस करवाने को तैयार हो जाते थे, ये लोग उनके घर पर जाकर डॉक्युमेंट ले लेते थे। जिन अकाउंट में इंश्योरेंस के लिए रुपये डलवाए जाते, उन्हें फर्जी आईडी पर खुलवाया जाता था। एसपी सिटी दिनेश यादव ने बताया कि 3 दिसंबर को कासना पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 में रहने वाले अजय कटियार ने इंश्योरेंस के नाम पर 2 लाख 80 हजार रुपये की ठगी का आरोप लगाया था। इसकी जांच साइबर क्राइम सेल को दी गई थी। पीड़ित को आरोपियों ने अलग-अलग नंबरों से कॉल करके इंश्योरेंस करवाकर लोन देने का झांसा दिया था और उसके एवज में 2.80 लाख रुपये दो अलग-अलग अकाउंट में जमा करवाए थे। मोबाइल नंबरों और बैंक अकाउंट के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई। इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस के आधार पर पुलिस चार आरोपियों को पकड़ने में कामयाब हो गई। तीन आरोपी दिल्ली के हैं जबकि एक गाजियाबाद का। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों की पहचान रोहित कुमार चौरसिया, सूरजभान राणा, सतीश कुमार और सलमान चौधरी के रूप में हुई है। रोहित ने बीकॉम और सूरजभान ने बीए किया है। सतीश 10वीं और सलमान 12वीं पास हैं। इन सभी को दिल्ली के तिलक नगर से गिरफ्तार किया गया। रोहित और सूरजभान अप्रैल तक मोती नगर दिल्ली में बीएमए वेल्थ क्रिएटर नाम की प्राइवेट इंश्योरेंस और लोन देने वाली कंपनी में काम करते थे। कंपनी के बंद हो जाने पर इन्होंने वहां के इंश्योरेंस पॉलिसी के डेटा के आधार पर जून में अपनी कंपनी खोल ली। एसपी सिटी के मुताबिक, इंश्योरेंस में बोनस और लोन का लालच देकर ये लोगों को ठगने लगे। आरोपियों ने तिलक नगर में कॉलसेंटर खोल रखा था। वहां 10-12 लड़के-लड़कियां कॉलिंग करते थे। ठगी की रकम को हासिल करने के लिए इन लोगों ने सतीश व सलमान की फर्जी आईडी लगाकर चांदनी चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया में फर्जी दस्तावेज लगाकर कोऑपरेटिव सर्विस के नाम पर खाता खुलवा रखा था। इसके अलावा एक प्राइवेट बैंक में ग्रुप कैपिटल नाम से भी खाता खुलवा रखा था। इंश्योरेंस डेटा से नंबर हासिल कर ये लोग इंश्योरेंस पॉलिसी बोनस व लोन का झांसा देकर ठगी कर रहे थे। आरोपियों के पास से पुलिस को 38 वॉकी-टॉकी, 7 मोबाइल, इंश्योरेंस पॉलिसी का कॉलिंग डेटा, 3 बैंक चेकबुक और 3 मुहरें मिली हैं। इनके दोनों अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। इनकी ठगी का शिकार हुए अन्य लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
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