इंडिया ओपन: पीवी सिंधु और साइना नेहवाल क्वॉर्टर फाइनल में, श्रीकांत हारे

नई दिल्ली
गत चैंपियन और शीर्ष वरीय भारत की पीवी सिंधु और साइना नेहवाल ने यहां एकतरफा मुकाबलों में जीत के साथ इंडिया ओपन 2018 बैडमिंटन टूर्नमेंट के महिला एकल क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत सीधे गेम में थाईलैंड के क्वालीफायर इस्कंदर जुल्करनैन से हारकर पुरुष एकल से बाहर हो गए। आठवें वरीय भारत के बी साई प्रणीत, समीर वर्मा और पारूपल्ली कश्यप पुरूष एकल के अंतिम आठ में प्रवेश करने में सफल रहे।

ओलिंपिक रजत पदक विजेता सिंधु ने 42 मिनट चले मुकाबले में बुल्गारिया जेटचिरी लिंडा को 21-10, 21-14 से हराया। क्वॉर्टर फाइनल में सिंधु का सामना स्पेन की 8वीं वरीय बीटरिज कोरालेस से होगा, जिन्होंने भारत की रुतविका शिवानी गाडे के खिलाफ 21-19, 21-16 से जीत दर्ज की। सिंधु और कोरालेस के बीच अब तक सिर्फ एक मुकाबला खेला गया है, जो भारतीय खिलाड़ी ने पिछले साल फ्रैंच ओपन के दौरान जीता था।

साइना ने भी एकतरफा मुकाबले में डेनमार्क की लाइन होमार्क जार्सफेल्ट को सीधे गेम में 34 मिनट में 21-12, 21-11 से शिकस्त दी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत अमेरिका की पांचवीं वरीय बेइवान झेंग से होगी, जिन्होंने भारत की मुग्धा अग्रे को 21-12, 21-16 से हराया। दूसरे वरीय श्रीकांत को हालांकि काफी गलतियां करने का खामियाजा भुगतना पड़ा और वह मलेशिया के क्वालीफायर के खिलाफ सीधे गेम में 21-19, 21-17 से हारकर बाहर हो गए।

मैच के बाद क्या कहा सिंधु ने

सिंधु ने मैच के बाद कहा, ‘यह आसान मैच था लेकिन मैंने काफी गलतियां की। मुझे इससे सबक लेना होगा और आगे के मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। क्वॉर्टर फाइनल में मुझे स्पेन की खिलाड़ी से खेलना है, जो आसान मुकाबला नहीं होगा। आज मैंने काफी शॉट नेट पर और बाहर मारे। मैं उनके शॉट पर कई बार सही अनुमान भी नहीं लगा पाई। मुझे इसमें सुधार करना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘इससे पहले मैं उसके (कोलारेस) खिलाफ एक बार पेरिस में खेली हूं। मैंने सीधे गेमों में जीत दर्ज की थी लेकिन वह आसान मुकाबला नहीं था। मुझे कल होने वाले मैच के लिए बेहतर तैयारी करनी होगी और प्रदर्शन में सुधार करना होगा।’ रियो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली सिंधु ने कहा कि अब वह पहले की तुलना में अधिक धैर्य के साथ खेलना सीख गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘रियो में रजत पदक के बाद मैंने धैर्य के साथ खेलना सीखा है। आजकल मैच काफी लंबे होते हैं और ऐसे में फिटनेस और धैर्य बरकरार रखना काफी महत्वपूर्ण हो गया है।’ लिंडा ने सिंधु के खिलाफ एक अंक को लेकर अंपायर से बहस की जिस पर भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि शॉट काफी बाहर था जबकि बुल्गारिया की खिलाड़ी को लगा कि शटल अंदर गिरी है।

उन्होंने कहा, ‘यह काफी कड़ा मैच था। मैं चीन में उनसे हार गई थी। मैं वहां बीमार थीं इसलिए प्रदर्शन अच्छा नहीं था। मैंने पहले गेम में ब्रेक के बाद कुछ गलतियां की। मुझे अपने खेल पर और अधिक ध्यान लगाना होगा।’ दो बार की पूर्व विश्व चैंपियन मारिन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरा प्रदर्शन शत प्रतिशत नहीं था। मैं ऑल इंग्लैंड के लिए यहां आई हूं। मैं अधिक प्रेरित महसूस कर रही हूं, क्योंकि मैं अपने खेल में लगातार सुधार करना चाहती हूं। मैं इस टूर्नमेंट के बाद अपने खेल में सुधार पर ध्यान दूंगी।’

मारिन ने अपनी कोचिंग टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘चोट के बाद वापसी हमेशा मुश्किल होती है लेकिन मेरे पास काफी अच्छी टीम है। मुझे खुद पर विश्वास रखना होगा। मुझे कई बार अपने खेल में बदलाव करना पड़ा, क्योंकि टूर्नमेंट की तैयारी के लिए काफी समय नहीं होता।’ उन्होंने कहा, ‘महिला एकल काफी कड़े हैं। शीर्ष 10 में शामिल खिलाड़ी किसी भी टूर्नमेंट को जीत सकते हैं, क्योंकि वे समान स्तर के हैं।’

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

खेल समाचार, अन्य खेल खबरें, Other Sports News