‘इंडिगो में विदेशियों की नियुक्ति से घोष के जाने का नाता नहीं’
|देश की बड़ी एयरलाइंस में शामिल इंडिगो के को-फाउंडर और अंतरिम सीईओ राहुल भाटिया ने इस बात से इनकार किया है कि कंपनी के प्रेसिडेंट के तौर पर पिछले सप्ताह आदित्य घोष के इस्तीफा देने का संबंध एयरलाइन में कुछ विदेशी एग्जिक्यूटिव्स की नियुक्ति है। उन्होंने बताया कि विदेशियों को कुछ विशेष फील्ड्स में अनुभव होने के कारण हायर किया जा रहा है और महत्वपूर्ण डिपार्टमेंट्स की कमान अभी भी भारतीयों के पास है।
भाटिया ने ईटी को बताया, ‘आदित्य कुछ महीनों से कंपनी छोड़ना चाहते थे और हमें उन्हें जाने देना पड़ा। आदित्य कई वर्षों से कंपनी की कमान संभाल रहे थे और हमें उनकी कमी महसूस होगी, लेकिन कंपनी को इससे कोई मुश्किल नहीं होगी। एयरलाइन भविष्य के लिए योजना बना रही है।’
उन्होंने कहा कि फाइनेंस, इन-फ्लाइट सर्विसेज, ग्राउंड हैंडलिंग, ह्यूमन रिसोर्सेज जैसे डिपार्टमेंट्स के हेड भारतीय हैं और इनमें से कुछ के पास विदेश का भी अनुभव है।
घोष ने इंडिगो में एक दशक से अधिक बिताने के बाद पिछले सप्ताह इस्तीफा दिया था। उनकी जगह ग्रेग टेलर लेंगे। टेलर इससे पहले भी इंडिगो के साथ काम कर चुके हैं। उन्हें शुरुआत में एडवाइजर के तौर पर कंपनी में शामिल किया जाएगा और रेगुलेटरी अनुमतियां मिलने के बाद वह प्रेसिडेंट और सीईओ के तौर पर नियुक्त होंगे।
भाटिया ने बताया कि इंडिगो का बेड़ा मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में लगभग 25 पर्सेंट बढ़कर 200 विमानों का हो जाएगा। इंडिगो के पास लगभग 40 पर्सेंट मार्केट शेयर है।
हालांकि, पिछले कुछ महीनों में इंडिगो को विमानों में खराबी आने के कारण मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है। इसे अपने कुछ विमानों को उड़ानों से हटाना भी पड़ा था।
इंडिगो की कुल कैपेसिटी में से लगभग 15 पर्सेंट इंटरनेशनल सेक्टर में ऑपरेट की जा रही है और बाकी डोमेस्टिक रूट्स पर है। आने वाले समय में इंडिगो विदेशी उड़ानों की संख्या बढ़ाने की योजना रखती है। यह यूरोप के लिए भी उड़ानें शुरू कर सकती है।
इंडिगो ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को खरीदने में भी दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन बाद में कंपनी ने इस योजना को रद्द कर दिया था।
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