इंजीनियर कर रहे थे लोन फ्रॉड
| ब्याज मुक्त लोन दिलवाने और इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया है। पुलिस इनके बैंक खातों के बारे में जांच कर रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि इन्होंने कितने लोगों से और कितने की धोखाधड़ी की है। लोगों को झांसे में लेने के लिए ये लोग टेलिकॉलर से फोन करवाते थे।
एसपी सिटी दिनेश यादव ने बताया कि सेक्टर-62 की एक आईटी कंपनी में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर गणेश शंकर चौधरी सेक्टर-49 स्थित हिंडन विहार में रहते हैं। उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी कि कुछ दिन पहले उन्हें ब्याज मुक्त लोन के लिए फोन आया। उन्हें अलग-अलग नंबरों से कॉल कर 30 लाख रुपये का लोन देने की बात कही गई। गणेश तैयार हो गए। उनके हामी भरते ही उन्हें पहले एक खाते में प्रोसेसिंग अमाउंट जमा करवाने को कहा गया। गणेश ने सात लाख रुपये जमा करवा दिए। बाद में उनसे दो लाख रुपये और मांगे गए। उन्हें शक हुआ, तो आरोपियों ने उन्हें 27.30 लाख रुपये के दो बैंक ड्राफ्ट की स्कैन कॉपी भेज दी। आरोपियों ने बताया कि उनका लोन लगभग पूरा अप्रूव हो चुका है। प्रोसेसिंग अमाउंट के दो लाख रुपये मिलते ही उन्हें ड्राफ्ट दे दिए जाएंगे। गणेश फिर झांसे में आ गए और दो लाख रुपये उनके अकाउंट में जमा करवा दिए। इसके बाद लोन देने का दावा करने वालों ने फोन उठाना बंद कर दिया। शक होने पर उन्होंने बैंक ले जाकर ड्राफ्ट दिखाए, तो उन्हें फर्जी करार दिया गया।
शिकायत के बाद साइबर क्राइम सेल ने इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस और बैंक अकाउंट की डिटेल के आधार पर सेक्टर-3 में डी ब्लॉक से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान मोहित चौधरी और अमितेष कीर्ति के रूप में हुई है। दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मोहित चौधरी के बैंक अकाउंट में रकम ट्रांसफर की गई थी। पुलिस को उसके खाते में 17 लाख 47 हजार 673 रुपये मिले हैं, जबकि वह बेरोजगार है।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने लोगों को झांसे में लेने के लिए टेलिकॉलर रखे हुए थे। ये कॉलर कभी इंश्योरेंस पॉलिसी, दो साल में रकम डबल करने समेत अलग-अलग तरीके से लोगों को झांसे में लेते थे। जैसे ही कोई उनकी बातों में आता, मोहित और अमितेष मामला हैंडल करने लगते थे। आरोपी खुद भी कॉलसेंटरों में काम कर चुके हैं, लिहाजा अपने संपर्कों से ये लोग कस्टमर का डेटा हासिल करके कॉलिंग करवाते थे। एसपी सिटी ने बताया कि उनके अकाउंट के ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने लोगों से यह लोग ठगी कर चुके हैं।
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