आर्थिक तंगी से भीख मांगने को मजबूर इंटरनैशनल खिलाड़ी महादेव प्रजापति

भदोही
खेलों की दुनिया में भारत को सुपर पॉवर बनाने के लिए भारत सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। राज्य सरकारें हर साल पुरस्कार बांटती हैं और खेल सुविधाओं के लिए बजट आवंटित करती हैं। इन सबके बीच देश का एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी है जिसे खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए दर-दर भीख मांगनी पड़ रही है।

जी हां, यहां बात हो रही है मास्टर्स एथलीट महादेव प्रजापति की। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के बैराखास गांव के रहने वाले 56 वर्षीय महादेव प्रजापति का सपना विश्व स्तर पर भारत का नाम रोशन करना है। इसके लिए वह कड़ी मेहनत भी करते हैं लेकिन बेहद गरीबी में जीवन काट रहे महादेव प्रजापति का यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। हालत यह है कि वह भीख मांगने और कर्ज लेने को मजबूर हैं।

महादेव ने नवभारत टाइम्स को बताया कि आगामी नौ मार्च से थाईलैंड के लपांग में इंटरनैशनल वेटरन ऐथलेटिक्स कॉम्पिटिशन का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए कुल आधिकारिक खर्च 88 हजार 200 रुपये आ रहा है। पैसे की तंगी की वजह उनका इस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेना अब संभव होता नहीं दिख रहा है।

नैशनल और इंटरनैशनल लेवल पर अब तक 11 गोल्ड, 10 सिल्वर और चार कांस्य पदक जीतने वाले महादेव ने कहा, ‘उधार लेकर और बचत के कुछ पैसों से मैंने टिकट का पैसा तो दे दिया है लेकिन वीजा के लिए पैसा जुटाना असंभव दिख रहा है। ऐसे समय पर जब खिलाड़ी अपनी तैयारी को अंतिम रूप देते हैं, मैं भिक्षा मांग रहा हूं ताकि इस कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले सकूं।’

न्यूजी लैंड, मलेशिया, श्रीलंका में आयोजित कई कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले चुके महादेव ने राज्य की खेल नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वेटरन खिलाडि़यों को सम्मानित किया लेकिन उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला। महादेव ने बताया कि केवल उन्हीं खिलाडि़यों को पैसा मिला जो पहले कभी खेल चुके हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार से मांग की कि ज्यादा उम्र में खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले उन जैसे खिलाडि़यों को भी राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाए।

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