‘आप’ में एक और सीनियर बागी
|प्रस, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मयंक गांधी ने ब्लॉग में लिखा है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से खुद हटने को तैयार थे, इसके बावजूद दोनों को सार्वजनिक रूप से जिस तरह प्रस्ताव लाकर हटाया गया, उससे मैं दंग हूं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मयंक गांधी महाराष्ट्र में पार्टी का चेहरा हैं। उन्होंने दावा किया कि 26 फरवरी की रात को अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों से कहा था कि अगर प्रशांत और योगेंद्र पीएसी में रहे तो वह संयोजक के रूप में काम नहीं कर पाएंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने बुधवार को प्रशांत और योगेंद्र को राजनीतिक मामलों पर फैसला लेने वाले पैनल पीएसी से निकाल दिया था। गांधी ने लिखा है कि दोनों नेताओं और केजरीवाल के बीच दिल्ली में प्रचार के समय से ही नहीं बन रही थी। दोनों ने उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाते हुए कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सच्चाई जाहिर करने की धमकी दी थी लेकिन दूसरे नेताओं ने किसी तरह संकट टाले रखा। गांधी ने लिखा कि कल रात मुझे बताया गया कि अगर मैंने कुछ भी खुलासा किया तो अनुशासन समिति मेरे खिलाफ एक्शन लेगी। इसके बावजूद मैं यह ब्लॉग लिख रहा हूं। यह बगावत नहीं है, न ही पब्लिसिटी पाने का तरीका है। इसके कुछ परिणाम हो सकते हैं, तो होते रहें। पार्टी के कामकाज में ऐसे मतभेद हैं, जिसे सुलझाया नहीं जा सकता। मयंक गांधी, आप नेता मैं न तो आप को तोड़ूंगा और न ही छोड़ूंगा : योगेंद्र यादव
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