‘आप’ का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की याचिका हाई कोर्ट में खारिज
| दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया था कि पार्टी ने पंजीकरण के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। चीफ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस आर एस एंडलॉ की बेंच ने कहा कि याचिका खारिज की जाती है। अदालत का यह फैसला हंसराज जैन की याचिका पर आया है, जिन्होंने पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग यह आरोप लगाते हुए की थी कि निर्वाचन आयोग ने जल्दबाजी में बिना पर्याप्त जांच के, झूठे और जाली दस्तावेजों के आधार पर किया था। जैन ने दावा किया था कि ‘आप’ के कुछ सदस्यों ने अपने शपथ पत्रों में जो घर के पते दिए थे, उनका मिलान जब उनके मतदाता पहचान पत्र या आयकर रिटर्न से किया गया तो उनमें अंतर था। जैन ने रजिस्ट्रेशन के दौरान आवेदन पत्र में आप द्वारा अशोक चक्र का इस्तेमाल करने पर भी सवाल उठाया है। उनकी यह दलील है कि यह संविधान का उल्लंघन है क्योंकि कोई भी राष्ट्रीय चिह्न का निजी इस्तेमाल नहीं कर सकता। याचिका के मुताबिक, ‘आप’ ने 3 दिसंबर, 2012 को पार्टी के पंजीयन का आवेदन दिया था। अपने लेटर पैड पर इसने अशोक स्तंभ का इस्तेमाल किया था, जो गैर संवैधानिक और अवैध है। निर्वाचन आयोग ने इससे पहले कोर्ट को बताया कि ‘आप’ को पंजीकृत करने के लिए न तो कोई भूल न ही जल्दबाजी की गई है और अनिवार्य दस्तावेज मिलने पर ही रजिस्ट्रेशन की मंजूरी दी गई है। आयोग ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के दौरान किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
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