आपकी टीम भी यहां खेल सकती है मैच
|वरिष्ठ संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : सिटी के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थित क्रिकेट स्टेडियम भले ही अफगानिस्तान की टीम का होम ग्राउंड बन गया हो, लेकिन यहां खेलने का लुत्फ दिल्ली-एनसीआर के लोग भी उठा सकते हैं। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और अफगान क्रिकेट बोर्ड ने इसके लिए नए सिरे से समझौता कर लिया है। इस समझौते के लिए कुछ क्रिकेट असोसिएशन और क्रिकेट अकैडमी की ओर से भी अथॉरिटी पर दबाव बनाया जा रहा था। नए समझौते के बाद सोमवार को स्टेडियम में पहले मैच का आयोजन कराया गया।
दिसंबर 2015 में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच दिल्ली में एक समझौता हुआ था। समझौते के बाद क्रिकेट स्टेडियम अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का होम ग्राउंड बन गया। अफगान का होम ग्राउंड बनने के बाद देवधर ट्रोफी को यहां से कानपुर शिफ्ट करना पड़ा था। वर्ल्ड क्लास क्रिकेट स्टेडियम हाथ से निकलने के बाद आसपास के क्रिकेट असोसिएशन व क्रिकेट अकैडमी ने इसका विरोध शुरू किया। इनका तर्क था कि अथॉरिटी के इस फैसले से स्थानीय खिलाड़ियों को क्रिकेट ग्राउंड का लाभ नहीं मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के जीएम प्रोजेक्ट राजीव त्यागी ने बताया कि कोच व क्रिकेट असोसिएशन के पदाधिकारियों के तर्क को ध्यान में रखकर अफगान क्रिकेट बोर्ड से यह समझौता किया गया है कि क्रिकेट स्टेडियम अफगान का होम ग्राउंड बना रहेगा, लेकिन तभी जब उनकी टीम भारत में होगी। उसी हिसाब से अथॉरिटी अफगान क्रिकेट बोर्ड से चार्ज वसूल करेगी। जब अफगानिस्तान की टीम इंडिया में नहीं होगी तो अथॉरिटी इस ग्राउंड को दूसरे मैचों के लिए किराये पर दे सकेगी।
जीएम ने बताया कि अफगान क्रिकेट बोर्ड ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। इसका उन्हें भी फायदा मिल रहा है। अब अफगान क्रिकेट बोर्ड को साल भर का पैसा नहीं देना होगा। जब भी अफगान की टीम इंडिया आएगी, इसकी पूर्व सूचना अथॉरिटी को मिल जाएगी, ताकि उस दौरान किसी अन्य मैच के लिए स्टेडियम की बुकिंग न हो सके। साथ ही इसका फायदा स्थानीय खिलाड़ियों को भी मिलने लगा है। जीएम ने बताया कि सोमवार को इसके तहत स्टेडियम में पहला मैच खेला गया।
दिसंबर 2015 में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच दिल्ली में एक समझौता हुआ था। समझौते के बाद क्रिकेट स्टेडियम अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का होम ग्राउंड बन गया। अफगान का होम ग्राउंड बनने के बाद देवधर ट्रोफी को यहां से कानपुर शिफ्ट करना पड़ा था। वर्ल्ड क्लास क्रिकेट स्टेडियम हाथ से निकलने के बाद आसपास के क्रिकेट असोसिएशन व क्रिकेट अकैडमी ने इसका विरोध शुरू किया। इनका तर्क था कि अथॉरिटी के इस फैसले से स्थानीय खिलाड़ियों को क्रिकेट ग्राउंड का लाभ नहीं मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के जीएम प्रोजेक्ट राजीव त्यागी ने बताया कि कोच व क्रिकेट असोसिएशन के पदाधिकारियों के तर्क को ध्यान में रखकर अफगान क्रिकेट बोर्ड से यह समझौता किया गया है कि क्रिकेट स्टेडियम अफगान का होम ग्राउंड बना रहेगा, लेकिन तभी जब उनकी टीम भारत में होगी। उसी हिसाब से अथॉरिटी अफगान क्रिकेट बोर्ड से चार्ज वसूल करेगी। जब अफगानिस्तान की टीम इंडिया में नहीं होगी तो अथॉरिटी इस ग्राउंड को दूसरे मैचों के लिए किराये पर दे सकेगी।
जीएम ने बताया कि अफगान क्रिकेट बोर्ड ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। इसका उन्हें भी फायदा मिल रहा है। अब अफगान क्रिकेट बोर्ड को साल भर का पैसा नहीं देना होगा। जब भी अफगान की टीम इंडिया आएगी, इसकी पूर्व सूचना अथॉरिटी को मिल जाएगी, ताकि उस दौरान किसी अन्य मैच के लिए स्टेडियम की बुकिंग न हो सके। साथ ही इसका फायदा स्थानीय खिलाड़ियों को भी मिलने लगा है। जीएम ने बताया कि सोमवार को इसके तहत स्टेडियम में पहला मैच खेला गया।
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