आत्महत्या केस में सरकार को घेरने के चक्कर में गलती कर बैठे मनोज तिवारी

नई दिल्ली
19 साल के युवक अजय ने हाल में जीबी पंत अस्पताल में इलाज न मिलने की बात कहकर आत्महत्या की थी। इसके बाद से अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेना चाहा लेकिन तंज कसने के चक्कर में वह ऐसी गलती कर बैठे कि लोग उन्हीं पर तंज कसने लगे।

हुआ यह कि मनोज तिवारी ने देर रात अजय की आत्महत्या के मामले में एक ट्वीट किया। उन्होंने जीबी पंत अस्पताल की घटना को गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल की घटना लिख दिया। ट्वीट में तिवारी ने लिखा ‘ दिल्ली के स्वास्थ्य संबंधी दावों की पोल खुल रही है…मरीज का जीटीबी अस्पताल में छत से कूदकर जान दे देना और दिल्ली के बाहर के मरीज़ों को इलाज ना देना यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी का स्वास्थ्य मंत्रालय भ्रष्टाचार में लिप्त है और इंसानियत मर चुकी है।’
इस ट्वीट में न उन्होंने बैक टू बैक दो ऐसी गलतियां कीं जिस पर लोगों ने उन पर सवाल उठाए कि उन्होंने बिना जानकारी के आप सरकार को घेरने के लिए ट्वीट कर दिया। तिवारी के इस ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि सरकारें इस मामले पर रोटियां न सेकें और सांसद अपनी गलती सुधारें।

यह था मामला
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के बरेली से 19 साल का अजय परिवार के साथ जीबी पंत अस्पताल इलाज के लिए आया था। अजय के हृदय का वॉल्व सिकुड़ गया था। पिता भूपराम ने बरेली के अस्पताल में जांच करवाई तो डॉक्टरों ने अजय को जीबी पंत अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन यहां उम्मीद लेकर आए थे लेकिम रेफर करने के बावजूद उन्हें यहां धक्के खाने पड़ रहे थे। इससे परिवार परेशान हो गया था। लाख कोशिशों के बाद अजय को भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन एक घंटे बाद छुट्टी दे दी जिसके बाद वह सीलमपुर स्थित अपने जानने वाले के घर चले गए और वहां चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।

ये गलतियां हुईं
1- जीबी पंत अस्पताल को लिख दिया जीटीबी अस्पताल
2 -सांसद ने लिखा कि जीटीबी अस्पताल की छत से कूदकर जान दी, जबकि अजय ने सीलमपुर स्थित घर की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या की थी।

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