आज ही के दिन बनी थी वर्ल्ड कप की पहली हैट-ट्रिक
|शर्मा की इस हैट-ट्रिक से पहले न्यू जीलैंड 41 ओवर के बाद 182/5 पर थी। इस दौरान नजर जमा चुके रुदरफोर्ड स्मिथ के साथ क्रीज पर जमे हुए थे और मार्टिन स्नीडन का आना अभी बाकी था। भारत के कैप्टन कपिल देव ने 42वां ओवर फेंकने के लिए चेतन शर्मा को बॉल दी। कपिल चाहते तो वह 42वां ओवर टीम में सीनियर बोलर मनोज प्रभाकर को दे सकते थे, प्रभाकर के इस पारी में 5 ओवर बाकी थे और वह कीवी टीम की इस पारी में 1 विकेट भी ले चुके थे। लेकिन इंडिया के कैप्टन ने इस युवा गेंदबाज पर अपना भरोसा जताया था।
इस ओवर की चौथी गेंद पर रुदरफोर्ड चेतन की ऑफ-कटर को पहचानने में चूक कर गए और यह गेंद बैट और पैड के बीच में से निकलती हुई रुदरफोर्ड का मिडल स्टंप ले उड़ी। रुदरफोर्ड के बाद क्रीज पर उतरे स्मिथ भी शर्मा की अगली गेंद को समझ नहीं पाए। यह बॉल शार्प इन-कटर थी, जो नीची रही और स्मिथ का ऑफ स्टंप ले उड़ी। अब अगली बॉल चेतन की हैट ट्रिक बॉल थी। कैप्टन कपिल देव, चेतन से फिल्डिंग को लेकर कुछ बात करने आए।
चैटफील्ड चेतन को इतिहास रचने से रोकने के इरादे से अपना गार्ड ले चुके थे। चेतन ने अगली गेंद फुल लेंथ पर रखी चैटफील्ड इसे खेलने के लिए आगे आए, लेकिन शर्मा की यह हैट ट्रिक बॉल उनकी समझ में नहीं आई। शर्मा ने खुशी में झूमते हए अपने दोनों हाथ उठा लिए। मैच देखने आए दर्शकों की आवाज स्टेडियम में गूंजने लगी। चेतन शर्मा इतिहास रच चुके थे।
अब भारत को मैच जीतने के लिए 222 रन बनाने थे। अगर भारत यह मैच जीतता तो भारत अपने ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया से ऊपर होता। 1987 में 5.25 के औसत से रन चेज करना आसान काम नहीं माना जाता था। लेकिन भारत की ओर से सुनील गवास्कर ने शानदार पारी। गवास्कर ने अपने ओपनिंग जोड़ीदार कृस श्रीकांत के साथ मिलकर 58 गेंदों पर 75 रन जड़ दिए। भारत ने यह मैच दस ओवर शेष रहते अपने नाम कर लिया और ग्रुप मैचों में पहला स्थान हासिल किया।
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