आखिर जिंदगी की जंग हारा आदित्य
|स्विमिंग पूल में हादसे का शिकार हुआ आदित्य वर्धन जिंदगी की जंग हार गया। 29 जून की शाम सोसायटी में अन्य बच्चों के साथ खेल रहे आदित्य का हाथ पूल के सक्शन पॉइंट में फंस जाने से यह हादसा हुआ। सक्शन ड्रेन में जाली नहीं लगी थी। हादसे के बाद आदित्य को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया फिर वहां से सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में शिफ्ट किया गया। हालत में सुधार न होता देखकर 30 जून को आदित्य को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली के गंगाराम अस्पताल शिफ्ट किया गया था। आदित्य तभी से वहां वेटिलेटर पर था। 7 जून को आदित्य की स्थिति और बिगड़ने लगी उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और आखिरकार रात 11 बजे उसने दम तोड़ दिया। आदित्य का पोस्टमॉर्टम दिल्ली के मौलाना आजाद अस्पताल में हुआ। शुक्रवार दोपहर बाद करीब 3 बजे आदित्य का पार्थिव शरीर सेक्टर-78 स्थित महागुन मॉर्डेर्न सोसायटी में लाया गया। वहां करीब 10 मिनट तक उसकी डेडबॉडी रखी गई। वहां सुबह से ही सोसायटी में आदित्य की मौत की सूचना से गमगीन माहौल बना था। वहां रहने वालों में बिल्डर की लापरवाही को लेकर काफी नाराजगी थी। सेक्टर-94 स्थित अंतिम निवास में उसका अंतिम संस्कार किया गया। तैरना जानता था आदित्य आदित्य वर्धन अपनी सोसायटी के सभी बच्चों में बेस्ट स्विमर था। जब वह पूल में होता था तो अन्य बच्चों के पैरंट्स भी निश्चित रहते थे। यह बात वर्धन परिवार के पड़ोसी अमिताभ दूबे ने बताई। अमिताभ कुछ महीने पहले ही यहां आए हैं। उन्होंन बताया कि आदित्य के पिता आनंद ने बताया था कि वह चार साल की उम्र से स्विमिंग कर रहा था। वह कोचिंग भी ले रहा था। आदित्य सेक्टर-62 स्थित फादर एग्नल स्कूल में चौथी का स्टूडेंट था। आदित्य हमेशा एक्टिव रहता था और उसके पास दुनिया भर की जानकारी होती थी। वह हर विषय पर चर्चा करने में माहिर था।
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