आंगनवाड़ी वर्कस की सैलरी के मुद्दे पर बोले LG, दिल्ली सरकार से पूछा बजट में क्यों नहीं रखा ठीक प्रावधान
|आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर की सैलरी का मुद्दा अब गर्म हो गया है। डिप्टी सीएम ने एक दिन पहले उपराज्यपाल को पत्र लिख कर सैलरी नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया था। इसका जवाब देते हुए उपराज्यपाल ने बजट के प्रावधान पर ही सवाल उठा दिया। उपराज्यपाल का कहना है कि जिन महीनों का पेमेंट अभी तक नहीं हुआ है, उसका कारण बजट में इस मकसद से रखी गई राशि खत्म होना है। उन्होंने डिप्टी सीएम से बजट बनाने वक्त इस बात का ख्याल रखने की भी बात कही है।
इस मुद्दे की शुरुआत बुधवार को हुई थी, जब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा था। उन्होंने अपने पत्र में आंगनवाडी वर्कर्स और हेल्परों की सैलरी में हो रही देरी और आंगनवड़ी केंद्रों के ओनर को किराया नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था। डिप्टी सीएम के पत्र के जवाब देते हुए उपराज्यपाल ने गुरुवार को कहा कि पहली बार इस मुद्दे को उनके संज्ञान में लाया गया है, इसलिए इस मामले की तुरंत जांच कराई गई है।
उपराज्यपाल ने अपने पत्र में बताया कि विभाग की जांच रिपोर्ट के अनुसार आंगनवाड़ी परिसरों के किराए का भुगतान जनवरी 2018 तक किया जा चुका है और इस मद में पर्याप्त पैसा उपलब्ध है। इसलिए यह सही नहीं है कि पिछले तीन महीनों से पेमेंट नहीं हुआ है। इस मामले में उन्होंने लिखा है कि फिर भी डिप्टी सीएम की जानकारी में कोई बकाया राशि का स्पेशल मामला हो, तो वह इसे विभाग के साथ मिलकर निपटा सकते हैं।
उन्होंने आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्परों के मानदेय के संबंध में लिखा है। उपराज्यपाल ने कहा है कि विभाग द्वारा जो सूचना मिली है उसके अनुसार आंगनवाड़ी वर्कर्स को नबंवर 2017 तक पेमेंट कर दिया गया है और आंगनवाड़ी हेल्परों को दिसंबर 2017 तक का पेमेंट हो गया है। विभाग की सूचना के अनुसार कि जिन महीनों का पेमेंट अभी तक लंबित है उसका कारण यह है कि बजट 2017-18 में इस उद्देश्य के लिए रखी गई राशि खत्म हो चुकी है।
उपराज्यपाल ने बताया कि वित्त मंत्री और बजट तैयार करने के प्रभारी और महिला एवं बाल विकास, मंत्री के रूप में उपमुख्यमंत्री ने बजट को अधिक सावधानी पूर्वक क्यों नहीं बनाया और इसमें अतिरिक्त जरूरत के अनुसार प्रावधान समय पर क्यों नहीं किया गया। उपराज्यपाल ने डिप्टी सीएम से मानदेय को समय पर देने के लिए पर्याप्त धन के प्रावधान के लिए तत्काल सुधार करने का अनुरोध भी किया। उपराज्यपाल ने डिप्टी सीएम से उम्मीद जताई कि प्रभारी मंत्री होने के नाते विभाग के साथ तथ्यों की जांच की होगी और उनको पत्र लिखने से पहले वित्त मंत्री के रूप में धन राशि के प्रावधान के लिए समय पर कार्रवाई भी की होगी।
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