आंकड़ों के अभाव में लटकी मोदी की उज्ज्वला योजना

लखनऊ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना पर उत्तर प्रदेश में शुरुआती दौर में ही संकट के बादल छा गए हैं। इस योजना को अमल में लाने के लिए गैस कंपनियों के पास बीपीएल कार्डधारकों की कोई ऐसी सूची नहीं है, जिसमें यह लिखा हो कि किसके पास गैस कनेक्शन नहीं है। अब यह निर्णय हुआ है कि गैस कंपनियों को बीपीएल की सूची उपलब्ध करा दी जाएगी और कंपनियां जाकर गैस कनेक्शन न रखने वालों को चिह्नित करेंगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई को यूपी के बलिया में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत देश की पांच करोड़ महिलाओं को गैस सिलिंडर दिए जाएंगे। योजना का लाभ बीपीएल श्रेणी के उन लोगों को मिलना है, जिनके पास पहले से गैस कनेक्शन नहीं है। वहीं राजधानी में सरकारी महकमे उज्ज्वला योजना को लेकर पसोपेश में हैं।

दरअसल राजधानी में अफसरों को कोई ऐसा आंकड़ा नहीं मिल पा रहा है, जिसमें यह स्पष्ट हो कि ऐसे कितने बीपीएल कार्ड धारक हैं, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है। तेल कंपनियों के पास भी इस तरह का कोई आंकड़ा नहीं है। एडीएम (आपूर्ति) अनिल कुमार सिंह का कहना है कि उज्ज्वला योजना का लाभ सही पात्रों को ही मिले, इसके लिए जरूरी है कि सूची पूरी तरह संशोधित हो। तेल कंपनियां अब इसके लिए सर्वे कराने जा रही हैं।

बीपीएल राशन कार्ड धारकों की सूची ग्राम पंचायतों में वितरित की जाएगी, जिसके बाद तेल कंपनियों के प्रतिनिधि घर-घर जाकर मिलान कर उन लोगों को चिह्नित करेंगे, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं हैं। जाहिर है, पूरी प्रक्रिया में अभी लंबा वक्त लगेगा।

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