अस्थाई कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलेः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली
अस्थायी रूप से नियुक्त कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली का तोहफा दिया है। एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समान काम करने वालों को समान वेतन मिलना चाहिए। कोर्ट का कहना है कि चाहे वह दिहाड़ी पर काम करने वाले श्रमिक हों या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी, सभी को नियमित कर्मचारियों के बराबर ही वेतन मिलना चाहिए।

कोर्ट ने अपने इस फैसले के दौरान इंटरनैशनल कोवनैंट ऑन इकनॉमिक, सोशल ऐंड कल्चरल राइट्स (1966) के आर्टिकल 7 का हवाला दिया। भारत ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं। कोर्ट का कहना है कि भारतीय संविधान के आर्टिकल 141 में ‘समान श्रम, समान आय’ का सिद्धांत बताया गया है और नियमित के साथ-साथ अस्थायी रूप से नियुक्त कर्मचारी भी उसी के अंतर्गत आते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पंजाब सरकार के कुछ अस्थायी कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें हाई कोर्ट ने सिर्फ समान काम के आधार पर अस्थाई कर्मचारियों को रेग्युलर पे-स्केल की न्यूनतम आय सुनिश्चित करने से इनकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को याचिकाकर्ताओं को रेग्युलर पे-स्केल के हिसाब से न्यूनतम वेतन देने के लिए निर्देशित किया है। केस करने वाले दिहाड़ी मजदूर थे, जो पंप ड्राइविंग, हेल्पिंग और ड्राइविंग आदि का काम कर रहे थे।

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