असल ज़िंदगी का ‘सारांश’ : बेटे की आख़िरी निशानी के लिए दर-दर भटकता बुजुर्ग पिता
|सालों पहले ‘सारांश’ नाम की एक फिल्म आई थी, जिसमें बूढ़ा बाप अपने बेटे की अस्थियों के लिए जूझ रहा था। इस कहानी में सिर्फ पात्र बदले हैं, लेकिन इस मामले में भी प्रशासन की संवदेनशून्यता वैसी ही दिखती है।