अमेरिका में एंट्री नहीं आसान, समंदर से आसमान तक होती है निगरानी

  इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने देश में मुस्लिमों की एंट्री पर पाबंदी की बातें कही हैं। उनका किसी ने समर्थन नहीं किया। खुद उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है। ट्रम्प को छोड़िए, हकीकत यह है कि अमेरिका में वैसे भी किसी विदेशी नागरिक की एंट्री आसान नहीं है। उसे लंबी और थका देने वाले प्रॉसेज से गुजरना पड़ता है। सैकड़ों नियम हैं दस्तावेजों के, जिनकी खानापूर्ति, जांच, पासपोर्ट, बायोमेट्रिक चिप जैसे कई तकनीकी टेस्ट होते हैं, जिनसे विदेशी सभी नागरिकों (वीजा-छूट वाले 38 देशों को छोड़कर) को गुजरना पड़ता है।    इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर विदेशी नागरिकों के लिए अलग लाइन होती है, जिसमें नॉन सिटीज़न विजिटर खड़े होते हैं। उन्हें लगेज के साथ दस्तावेजों की जांच से गुजरना पड़ता है। पेरिस हमले और आईएस के चलते अमेरिका ने 29 साल पुराने अपने वीजा-छूट कार्यक्रम में भी सख्ती शुरू कर दी है। इसके तहत 38 देशों के नागरिकों को छूट थी। इनमें ज्यादातर यूरोपियन हैं। करीब दो करोड़ लोग साल में इसका फायदा उठाते थे, लेकिन अब…

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