अमेरिका को चेताने के लिए किया मिसाइल का परीक्षणः उत्तर कोरिया
|उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा कि इसने अपने दूसरे इंटरकॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण प्योंगयांग पर नया प्रतिबंध लगाने के कारण अमेरिका को चेताने करने के लिए किया है। उत्तर कोरिया ने साथ ही धमकी दी कि अगर वॉशिंगटन की तरफ से सैन्य उकसाहट सामने आई तो इसका जवाब दिया जाएगा। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को अपने दूसरे ICBM का परीक्षण किया है। इस पर उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन ने बड़े गर्व से कहा कि उनका देश अमेरिका के किसी भी हिस्से पर हमला करने में समक्ष है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस परीक्षण से जुड़ी जो तकनीकी जानकारी बाहर आई है, उससे यह संकेत मिलते हैं कि यह पहले ICBM से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है जिसका परीक्षण 4 जुलाई को किया गया था। यह अमेरिका के पूर्वी छोर तक जाने में सक्षम है।
पहले बलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण ने विश्वभर के हथियारों से लैस देशों को सतर्क कर दिया, जबकि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र तथा इसके साथ द्विपक्षीय संबंध रखने वाले देशों पर दबाव बनाया कि वह प्योंगयांग पर प्रतिबंध लगाए। वहीं, अमेरिकी सीनेट ने शुक्रवार को प्योंगयोंग पर नए प्रतिबंध की घोषणा की।
इधर, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले कैम्पेन के कारण प्योंगयांग को अपना हथियार कार्यक्रम जारी रखने का औचित्य मिल गया है। उत्तर कोरिया की एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, ‘ICBM के परीक्षण का मतलब इस बार अमेरिका को चेतावनी देना है। अमेरिका व्यर्थ बयान दे रहा है, प्रतिबंध को लेकर सही वजह नहीं बताया पा रहा और डीपीआरके पर दबाव का कैम्पेन चला रहा है।’
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा दी गई चेतावनी के बाद आया है। ट्रंप ने कहा था कि वह उत्तर कोरिया के सबसे बड़े सहयोगी चीन को प्योंगयांग के लिए कुछ भी नहीं करने देंगे। ट्रंप ने चीन से लगातार अपील की कि उन्हें अपने पड़ोसी पर लगाम लगाना चाहिए, जबकि चीन ने कहा कि बातचीत ही एकमात्र व्यावहारिक रास्ता है।
अमेरिका ने भी शनिवार को जापान और दक्षिण कोरिया की सेनाओं के साथ कोरियाई प्रायद्वीप में जॉइंट ड्रिल की है। यह ड्रिल उत्तर कोरिया के सामने शक्ति प्रदर्शन के लिए किया गया था। उधर, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने जोर दिया कि अमेरिका डीपीआरके को हानि पहुंचाने के अपने मूर्खतापूर्ण सपने से ऊपर उठकर सोचे।
उल्लेखनीय है कि किम के 2011 में सत्ता में आने के बाद से उत्तर कोरिया ने तीन न्यूक्लियर टेस्ट के अलावा कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। 2006 में पहले ऐटॉमिक डिवाइस के परीक्षण के बाद से संयुक्त राष्ट्र इसपर 6 बार प्रतिबंध लगा चुका है। इनमें से 2 प्रतिबंध पिछले साल ही लगाए गए हैं।
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