अब शॉपिंग मॉल्स में क्लास लगाएगी दिल्ली सरकार!
|ऑनलाइन शॉपिंग और मंदी की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीआर के शॉपिंग मॉल्स को एक नए तरह का विकल्प मिल सकता है। दिल्ली सरकार अपनी उच्च और तकनीकी शिक्षा के विस्तार के लिए नई बिल्डिंगें बनाने के बजाय अरसे से खाली पड़े और सस्ती दरों पर उपलब्ध शॉपिंग मॉल्स में रेंट या लीज पर स्पेस लेने का विकल्प तलाश रही है। दिल्ली सरकार सालाना करीब 1.5 लाख नए स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर विमेन में टेक्नो बिजनेस एजुकेशन सेंटर के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘सरकार के तहत चलने वाले विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने विस्तार का प्लान तैयार कर लें। 40-50 छात्रों के लिए कपैसिटी बढ़ाने भर से काम नहीं चलेगा। दिल्ली में 1.5 लाख बच्चों को हर साल हायर और टेक्निकल एजुकेशन के दायरे में लाना है। आप जगह तलाशें, पैसे की चिंता न करें।’
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में ज्यादातर शॉपिंग मॉल खाली पड़े हैं। जो ग्राहक जाते भी हैं, विंडो शॉपिंग करके लौट आते हैं। वहां किराये पर स्पेस लिया जा सकता है, जो मुफीद भी पड़ेगा और बेहतर भी होगा। वित्त मंत्री ने इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में दूसरी शिफ्ट शुरू करके भी स्पेस हासिल करने का विकल्प सुझाया।
गौरतलब है कि ज्यादातर रिऐल्टी कंसल्टेंट्स और रिसर्च फर्म्स की रिपोर्ट्स बताती हैं कि दिल्ली-एनसीआर के 150 से ज्यादा मॉल्स में करीब 60-65 पर्सेंट स्पेस खाली है। कुछ मॉल्स ने तो दुकानदारों और रिटेल कंपनियों को लुभाने के लिए शुरू के तीन-चार महीनों तक फ्री रेंटल ऑफर देना भी शुरू कर दिया है। सिसोदिया ने कहा कि, ‘दिल्ली के तकनीकी संस्थानों को विस्तार की सरकारी प्रक्रिया में नहीं उलझने दूंगा। मुझे पता है कि बिल्डिंग, फंड और तरह-तरह की मंजूरियों के लिए कितने चक्कर काटने होते हैं। हमारी सरकार इसमें पैसे की कमी भी आड़े नहीं आने देगी।’
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