अब कांशीराम आवास में फर्जीवाड़ा, 977 में से 500 से ज्यादा मकान उठा दिए किराए पर
|पैसे की भूख ने गरीबों की छत को भी नहीं बख्शा। रविवार को जिला प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है कि ठेकेदार, नेता और सक्षम लोगों ने अधिकारियों से गठजोड़ कर कांशीराम आवास के ज्यादातर घरों पर अवैध कब्जा कर रखा है। कांशीराम आवास के करीब 977 मकानों में से 500 से ज्यादा मकानों को किराए पर देकर कमाई की जा रही है।
शहर के पास डारीडीहा में 2010 में राज्य सरकार द्वारा यह सोच कर कांशीराम आवास का निर्माण कराया गया था कि खुले आसमान के नीचे रहने वाले गरीबों को छत की सौगात मिलेगी लेकिन गरीबों के नाम पर मकान न अलाॅट करते हुए फर्जीवाड़ा किया गया। नायब तहसीलदार सदर अमर चंद वर्मा के नेतृत्व में टीम ने पहुंचकर जब जांच की तो सामने आया कि कांशीराम आवास के तीनों पाॅकेट में बने 977 मकानों में से आधे से ज्यादा मकानों को किराए पर उठाया गया है।
टीम की पूछताछ में पता चला कि एक मकान में रहने वाले किराएदारों से 12 सौ से 15 सौ रुपये हर महीने किराया वसूले जाते हैं। नायब तहसीलदार अमर ने बताया कि 977 मकानों की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि करीब 500 मकानों से ज्यादा पर अवैध कब्जा किया गया है। इन मकानों को फर्जी तरीके से अलाॅट कराकर किराए पर उठाकर पिछले आठ साल से अवैध कमाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले की रिपोर्ट बनाकर डीएम को भेजी जा रही है, जिससे अवैध कब्जेदारों को हटाकर इन मकानों को गरीबों को अलाॅट किया ला सके।
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