अब इनकम टैक्स के दायरे से बचना मुश्किल
| नई दिल्ली आयकर विभाग ने तकनीकी सतर्कता बढ़ाने, दूसरी श्रेणी के शहरों पर विशेष ध्यान देने की तैयारी की है ताकि ‘प्रगतिशील’ शहरों में रहने वाले और अधिक लोगों को कर के दायरे में लाया जा सके। नई योजना के जल्द से जल्द अगले महीने कार्रवाई में आने की उम्मीद है। यह कर अधिकारियों और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सरकार की ओर से जारी हालिया निर्देश का हिस्सा है। सरकार ने कर विभाग से कहा है कि वह हर महीने कम से कम 25 लाख नए लोगों को कर दायरे में लाए। मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि विभाग अपनी स्मार्ट तकनीकी इंटेलिजेन्स तथा कारोबार की गणना के डाटाबेस का इस्तेमाल कर संभावित इकाइयों को कर दायरे में लाएगा। हालांकि, इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि कुल कर व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर न हो और न ही इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप हो। आयकर विभाग और CBDT के वरिष्ठ अधिकारियों आज से यहां शुरू हो रहे दो दिन के सालाना सम्मेलन में कर के दायरे के विस्तार के लिए इन रणनीतियों पर विचार विमर्श होगा। इस बैठक का उद्धाटन वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे। प्रगतिशील शहरों पर नजर अधिकारियों ने कहा कि CBDT और अन्य एजेंसियों द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार दूसरी श्रेणी के शहरों से काफी लोगों को कर अदा करने वालों के दायरे में लाया जा सकता है, लेकिन अभी तक इस संभावना का दोहन नहीं हो सका है, राजस्व के मोर्चे पर ये शहर ‘प्रगतिशील’ हैं। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग ने इस काम को मिशन के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला किया है। CBDT की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने हाल में आयकर विभाग के फील्ड कार्यालयों को लिखे पत्र में इस मंशा का संकेत दिया था कि अभी करदाताओं की संख्या संभावनाओं की तुलना में काफी कम है। यह फर्क दूसरी श्रेणी के शहरों में अधिक है। कपूर ने कहा कि हमने चालू वित्त वर्ष में हर महीने कम से कम 25 लाख नए लोगों को आयकर के दायरे में लाने की तैयारी की है। कौन-कौन से शहर आएंगे दायरे में दूसरी श्रेणी के शहरों में सूरत, नागपुर, लखनऊ, वडोदरा, जयपुर, पिंपडी-चिंचवाड, इंदौर, चंडीगढ़, गुडगांव, राजकोट, भोपाल, कानपुर, विशाखापट्टनम, फरीदाबाद, नवी मुंबई, गाजियाबाद, लुधियाना और नाशिक आदि शामिल हैं।
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