अब आर्थिक सुधारों पर नए ढंग से ध्यान केंद्रित करे केंद्र सरकार: उद्योग जगत
|बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन की शानदार जीत के बाद उद्योग जगत ने बिहार में बड़े निवेश के रूप में समर्थन देने का वादा किया और कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को अब आर्थिक सुधारों पर नई परिस्थितियों के हिसाब से ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
दवा कंपनी बायोकॉन की चेयरमैन किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि मोदी सरकार को अपने आर्थिक अजेंडे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उम्मीद जताई कि विपक्ष भी इसमें उसकी मदद करेगा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘बिहार में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ अब मोदी सरकार अपना सारा ध्यान आर्थिक अजेंडे पर केंद्रित कर सकती है। उम्मीद है कि विपक्ष भी सरकार का साथ देगा।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भी ‘अपने रुख को ठीक कर सकती है। कटु बयानों और आर्थिक विधेयकों का विरोध पार्टी को मतदाताओं से अलग कर रहा है।’
उद्योग मंडल एसोचैम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके महागठबंधन को प्रभावी जीत की बधाई दी है और कहा है कि उद्योग जगत को राज्य में ‘एक नई शुरुआत’ की उम्मीद है। एसोचैम ने एक बयान में कहा है कि चूंकि अब चुनाव हो चुके हैं तो ‘उद्योग जगत उम्मीद करता है कि केंद्र एवं राज्य जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे ताकि सभी नागरिकों की भलाई के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची वृद्धि दर हासिल कर सके।’
इसी तरह उद्योग मंडल सीआईआई ने भी राज्य के विकास के अजेंडे को और आगे बढ़ाने के लिए नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। सीआईआई अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने कहा, ‘आगामी सरकार को हमारी शुभकामनाएं। मुझे पक्का विश्वास है कि नई सरकार बिहार की जनता की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए काम करेगी और बिहार को औद्योगिक विकास के एक नए युग में ले जाएगी।’
ब्रिटेन की वित्तीय सेवा प्रमुख बार्कले का कहना है कि भारतीय वित्तीय बाजार चुनाव परिणामों से पहले सतर्क थे और बीजेपी के खिलाफ परिणामों से बाजारों में कमजोरी आ सकती है। बार्कले की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि आज के परिणाम (बीजेपी की हार) सोमवार को शुरुआती कारोबार में उत्साह ठंडा करने वाला तत्व साबित हो सकते हैं क्योंकि इसे केंद्र सरकार के सुधार के अजेंडे की राह में एक और अवरोध के रूप में देखा जाएगा।’
व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन, कैट ने कहा है कि मुद्रा बैंक योजना, कौशल भारत, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलों और नीतियों को नीचे तक ले जाने वाली प्रणाली का अभाव भी (एनडीए की) हार की एक वजह हो सकती है। इसने एक बयान में कहा, ‘नि:संदेह रूप से इन सभी अनूठी पहल के लाभार्थियों से कोई संपर्क नहीं होना, बिहार चुनावों में एनडीए की हार में एक बड़ी भूमिका रही है।’
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भाटिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में गंभीर आत्मनिरीक्षण किया जाएगा। अभियांत्रिकी निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के चेयरमैन टी एस भसीन का मानना है कि बिहार अभियांत्रिकी निर्यात उत्पादों का वैश्विक केंद्र (हब) बन सकता है।
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