अब अरविंद केजरीवाल के साथ कोई बातचीत नहीं : प्रशांत भूषण
| प्रशांत सोनी, नई दिल्ली आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और पार्टी के सभी प्रमुख पदों से हटाए जा चुके प्रशांत भूषण के बीच अब संवाद की सभी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। प्रशांत भूषण का कहना है कि उन्हें जो कुछ भी कहना था, वह उन्होंने अरविंद केजरीवाल के नाम लिखी अपनी आखिरी चिट्ठी में लिख दिया है। प्रशांत भूषण ने कहा है कि अब वह इसके बाद वह अरविंद के साथ किसी भी तरह का कोई संवाद नहीं करेंगे। हालांकि इस चिट्ठी को उन्होंने पार्टी से उनके इस्तीफे के रूप में देखने से अभी इनकार किया है। प्रशांत का कहना है कि वह और पदों से हटाए गए उनके सभी साथी अब भी पार्टी में बने हुए हैं, लेकिन उनका अगला कदम क्या होगा, यह 14 अप्रैल को होने वाली स्वराज संवाद बैठक के दौरान तय होगा। शनिवार रात एक न्यूज चैनल की वेबसाइट पर अरविंद केजरीवाल के नाम लिखे अपने आखिरी लेटर में प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा था और उनके तमाम आरोपों का जवाब देते हुए आखिर में ‘गुड बाय ऐंड गुड लक’ लिखा था। इसी के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि शायद अब प्रशांत खुद ही पार्टी छोड़ देंगे। वैसे भी सभी पदों से हटाए जाने के बाद अब वह पार्टी के अंदर महज एक सामान्य कार्यकर्ता ही रह गए हैं और भविष्य में भी पार्टी उन्हें किसी तरह की कोई जिम्ममेदारी सौंपेगी, इसकी संभावना न के बराबर है। लेकिन एनबीटी से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा है कि वह आगे आकर इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि उन्हें और उनके बाकी साथियों को गलत और अलोकतांत्रिक तरीके से पीएसी और एनई से बाहर निकाला गया था। प्रशांत का कहना था कि अगर वह चाहें तो कोर्ट या चुनाव आयोग के जरिए भी अपना अधिकार वापस हासिल कर सकते हैं, लेकिन उनकी लड़ाई किसी पद को पाने की नहीं, बल्कि पार्टी को वापस उस राह पर लाने की है, जिस राह पर चलने के लिए पार्टी बनाई गई थी। प्रशांत भूषण ने यह तो माना कि अब पार्टी को उन लोगों के रहने न रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन वह पार्टी में कब तक बने रहेंगे, इसका फैसला अगले कुछ दिनों में अपने साथियों के साथ मिलकर लेंगे। 14 अप्रैल को गुड़गांव के इफ्को चौक पर आयोजित होने वाले स्वराज संवाद को उन्होंने अपनी इस लड़ाई का बेहद अहम पड़ाव बताते हुए कहा कि उस दिन तय होगा कि हम किस दिशा में आगे बढ़ेंगे और हमारा अगला कदम क्या होगा। इस बीच विरोधी गुट के सूत्रों ने बताया कि स्वराज संवाद के लिए ऐडमिरल रामदास, मेधा पाटकर, अंजलि दमानिया, क्रिस्टीना सैमी, प्रो राकेश सिन्हा, मयंक गांधी जैसे उन तमाम नेताओं को औपचारिक तौर पर बुलावा भेजा जाएगा, जिन्होंने हाल के विवादों के बाद या तो पार्टी या पार्टी में अपना पद छोड़ दिया है या फिर जिनकी सहानुभूति उनके साथ है और जो यह मानते हैं कि राष्ट्रीय परिषद और उसके बाद एनई की मीटिंग में लिए गए फैसले सरासर गलत और एकतरफा थे। इसके साथ ही देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम भी एक ओपन इन्विटेशन जारी कर उनसे भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की जाएगी। Read this in English- My grievances are against Kejriwal, not AAP: Bhushan
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