अफसर नहीं सुनते हमारी बात : सीएम
|दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने-सामने आ गए हैं। सीएम केजरीवाल ने एलजी बैजल को पत्र लिखकर अधिकारियों द्वारा अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं।
सीएम ने लिखा है कि उपराज्यपाल क्या छिपा रहे हैं, क्या एलजी दिल्ली की चुनी हुई सरकार को बाइपास करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि जब अधिकारियों को फाइल दिखाने के लिए कहा जाता है तो वह साफ कहते हैं कि एलजी ने मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को फाइल दिखाने को मना किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ समय से सीएम के आदेशों को अनदेखा किया जा रहा है। ऐसे में उन्होंने एलजी को पत्र लिखकर संबंधित फाइल वापस मांगी है और कहा है कि सीएम सहित संबंधित मंत्रियों को फाइल पर अपने विचार लिखने दिया जाए। सीएम का कहना है कि उन्होंने कुछ अस्पतालों का दौरा किया था। उनमें काफी कमियां पाई थीं, उन कमियों का जिक्र उक्त फाइल में होना जरूरी है। इस पत्र में केजरीवाल ने यह भी लिखा है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी है। इसे जल्द-से-जल्द भरने की जरूरत है, ताकि मरीजों की परेशानी को कम किया जा सके।
सीएम ने पत्र में लिखा है कि हमारे पास वेंटिलेटर हैं, लेकिन वेंटिलेटर चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं हैं। अस्पतालों में एक्स-रे मशीन है, सीटी स्कैन है, एमआरआई है। लेकिन स्टाफ नहीं है, जो इसे चला सके। कई अस्पतालों में दवा काउंटर के बाहर लंबी लाइन लगी रहती है, लेकिन फार्मासिस्ट के पोस्ट खाली पड़े हैं। इसी तरह अस्पतालों में स्टाफ की भी भारी कमी है। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक के साथ मीटिंग की थी। इस बैठक में सभी ने स्टाफ की कमी की बात उठाई थी। इसी कमी को दूर करने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जब फाइल संबंधित मिनिस्टर के पास नहीं आएगी तो फिर वो अपनी बात कैसे रखेंगे। सीएम ने उपराज्यपाल से मांग की है कि वो इस दिशा में डायरेक्शन दें, ताकि सही तरीके से खाली पदों को समय पर भरा जा सके।
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