अगर ऐसा ही रहा तो मुंबई और चेन्नई इतिहास के पन्नों में हो जाएंगे दर्ज
|तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था का नकारात्मक असर पर्यावरण पर पड़ रहा है। अगर सस्टेनबल विकास नहीं हुआ तो भारत के महानगरों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था का नकारात्मक असर पर्यावरण पर पड़ रहा है। अगर सस्टेनबल विकास नहीं हुआ तो भारत के महानगरों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।