‘अखिलेश की वजह से कर्जमाफी की आई नौबत’
|उत्तर प्रदेश के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्वार्थनाथ सिंह ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर अखिलेश यादव की पिछली एसपी सरकार पर निशाना साधा है। फसल ऋण मोचन योजना के तहत बस्ती में सिद्धार्थनाथ सिंह ने किसानों को कर्जमाफी के सर्टिफिकेट बांटे। इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोला।
यूपी के कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया होता, तो किसानों का कर्ज माफ करने की नौबत ही नहीं आती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2008 में कर्ज माफ किया, लेकिन जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया। एसपी और कांग्रेस की गलत नीति की वजह से हमारी सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना पड़ रहा है।
मंत्री सिद्वार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘क्या कर्जमाफी की कोई नीति बननी चाहिए, इस पर भी विचार होना चाहिए। नई सरकार आए और वह कर्ज माफ करती रहे, यह भी सही नहीं है।’ उन्होंने कहा कि यह पैसा भी आप ही लोगों से आता है और उसे माफ करके आप को दे दें, तो बोझ बढ़ता जाएगा। इससे यूपी की अर्थव्यवस्था डगमगाएगी और जो नौकरियां युवाओं को मिलनी चाहिए, वह सरकार दे नहीं पाएगी।’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसानों की बात सिर्फ नारों से नहीं होती, किसानों की समस्याओं को भी समझना होगा। उसके लिए संवेदनशील दिल होना चाहिए, जो हमारे मोदी और योगी के पास है।
यूपी के मंत्री ने कहा, ‘जब 3 हफ्ते बाद पहली कैबिनेट की पहली बैठक हुई, तो किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया गया। जब बजट में उसे पारित किया गया, तो अलग से जनता पर एक भी पैसे का टैक्स नहीं लगाया गया, जिससे यह पैसा सरकार के खजाने में आ जाए। यूपी का बजट 3.5-4 लाख करोड़ रुपये का है। मगर इसके अंदर 70-80 हजार करोड़ की चोरी हर साल होती है। इसलिए हमने निर्णय किया कि हम अलग से कोई टैक्स नही लगाएंगे। हमने हर साल 10 प्रतिशत भी चोरी रोक ली, तो किसानों को दिए गए 36 हजार करोड़ हमारे पास वापस आ जाएंगे।’
कर्ज लिया 30 हजार, माफ हुआ 566 रुपये
कर्जमाफी योजना का प्रमाण पत्र लेने आए कई किसानों को मायूसी हाथ लगी। भनपुर के कंथूआ गांव के किसान गुरु प्रसाद ने आरोप लगाया कि उन्होंने पिछले साल पंजाब नैशनल बैंक के केसीसी अकाउंट से 30 हजार रुपये का कर्ज लिया था। सरकार के एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने के दावे से उम्मीद थी कि उनका पूरा कर्ज माफ हो जाएगा, लेकिन उनका सिर्फ 566 रुपये ही माफ हुआ। यह तो किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। वहीं, नगर बाजार इलाके के बारीजोत गांव के किसान रमाकांत पांडेय के मुताबिक उन पर 12 हजार का कर्ज है, लेकिन सिर्फ 694 रुपये ही माफ हुआ।
87000 किसानों के लिए 384 करोड़ का बजट
मंत्री सिद्वार्थनाथ सिंह ने अपने हाथों से 20 किसानों को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र दिया। इस दौरान करीब 5 हजार किसानों को सर्टिफिकेट बांटे गए। मंत्री ने बताया कि जिले में कर्जमाफी के दायरे में आने वाले 87,582 किसान हैं, जिनके लिए 384 करोड़ का बजट अवंटित हुआ है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक यूपी के 70 प्रतिशत किसानों के चेहरे पर खुशहाली नहीं आएगी, तब तक राज्य और देश तरक्की नहीं कर सकेगा। सिर्फ 30 प्रतिशत से तरक्की की उम्मीद करना बेमानी है।
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