अक्षय कुमार की फिल्म में उपले से बना भभूत:थर्माकोल से बनाया गया ‘हिमालय’; खराब मटेरियल से सेट बनाने पर हो जाते हैं हादसे
|फिल्मों और टीवी शो में आपने हिमालय, महल, रेगिस्तान, शीशमहल का सेट देखा होगा। कभी ना कभी आपने भी सोचा ही होगा कि आखिर इन सेट को कैसे बनाया जाता है। आज के रील टु रियल में फिल्मी पर्दे की इसी कहानी के बड़े सच को जानने के लिए हमने आर्ट डायरेक्टर चौकस भारद्वाज, मटेरियल सप्लायर राजेश सिंह और सेट मेकर सुजीत सावंत से बात की। इन्होंने बताया कि सेट को बनाने में कपड़े, पेपर, प्लाईवुड और थर्माकोल जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्होंने यह भी बताया कि अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी के लिए ज्यादा अमाउंट में भभूत की जरूरत थी। तब गोबर के उपलों से भभूत बनाया गया था। वहीं सलमान खान जैसे कुछ एक्टर्स भी सेट डिजाइनिंग में दिलचस्पी रखते हैं। पढ़िए सेट डिजाइनिंग की कुछ ऐसी दिलचस्प कहानियां और उनका प्रोसेस… सेट मेकिंग के दौरान लोकेशन और मौसम पर भी ध्यान देना पड़ता है सेट मेकर सुजीत सावंत बताते हैं कि किसी भी सेट की डिजाइनिंग में लोकेशन और मौसम का भी ध्यान रखना पड़ता है। जैसे कि किसी फिल्म की शूटिंग गोवा के बीच के पास करनी है, तो यहां पर ऐसा सेट बनाया जाएगा, जो तेज हवाओं और बारिश का सामना कर सके। वहीं, पानी के अंदर जो सेट बनते हैं, वो ऐसे होते हैं कि शूटिंग के बाद आसानी से पानी में घुल जाएं और पर्यावरण को नुकसान भी न पहुंचाएं। पेपर, कपड़े, प्लाईवुड और थर्माकोल से बनता है फिल्म का सेट सेट को बनाने में प्लाईवुड, थर्माकोल, पेपर, कपड़े जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर किसी सीन की शूटिंग 1 दिन में खत्म होनी है तो सेट को कपड़े, पेपर या थर्माकोल से बनाया जाता है। वहीं जब शूटिंग 3-4 दिन या उससे अधिक दिन की होती है, तो सेट को POP, लोहे या प्लाईवुड की मदद से तैयार किया जाता है। लकड़ी से भी सेट बनाया जाता है। सबसे ज्यादा पाइन की लकड़ियों का यूज होता है ताकि वो जल्दी न सड़े। कुल मिलाकर, सेट कितने दिन तक टिकेगा, यह मटेरियल पर टिका होता है, जिससे सेट तैयार किया जाता है। कुछ सेट्स को ब्लास्ट से उड़ाया जाता है। ऐसे सेट्स को बनाने में सॉफ्ट मटेरियल का इस्तेमाल होता है ताकि ब्लास्ट के दौरान किसी को नुकसान न पहुंचे। सेट को बनाने के बाद कलरिंग का काम होता है। जैसे ऐड शोज की शूटिंग के दौरान फिनिशिंग पर ध्यान देना रहता है। यहां ऐसे पेंट का यूज होता है, जो देखने में चिकना लगे। पेमेंट नहीं मिलने पर कई आर्ट डायरेक्टर ने किया सुसाइड चौकस ने बताया कि पहले आर्ट डायरेक्टर को अच्छा बजट मिलता था, लेकिन अचानक से बजट में कटौती आ गई है। इस कारण कई आर्ट डायरेक्टर ने सुसाइड कर लिया है। चौकस ने कहा- हमारी फील्ड में प्रोडक्शन टीम की तरफ से शुरुआत में एक तय बजट बता दिया जाता है। हालांकि पेमेंट शूटिंग खत्म होने के बाद प्रोडक्शन की तरफ से मिलती है। हम पहले अपने खर्चे पर सारा काम करते हैं। डायरेक्टर हमसे बेस्ट काम चाहते हैं। इस प्रेशर में हम फिक्स बजट से अधिक का खर्च कर देते हैं, जिसकी पेमेंट कई बार नहीं मिलती है। नतीजतन तंगी में आकर आर्ट डायरेक्टर्स सुसाइड कर लेते हैं। हाल ही में ऐसे कई केस देखने को मिले हैं। भंसाली को फिल्म के लिए गोबर चाहिए था राजेश सिंह ने संजय लीला भंसाली के साथ काम किया है। इस बारे में उन्होंने बताया- मैंने उनके साथ फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी और सीरीज हीरामंडी में काम किया था। उनकी आने वाली फिल्म लव एंड वॉर से भी जुड़ा हुआ हूं। हाल ही में उन्हें लिपाई के लिए ज्यादा अमाउंट में गोबर चाहिए था। मैंने उनकी यह जरूरत सिर्फ एक घंटे में पूरी कर दी थी। जैसे हीरामंडी में 60 लीटर अपैक्स कलर की जरूरत थी। उस वक्त मेरे पास सिर्फ 40 लीटर अपैक्स कलर मौजूद था। बाकी 20 लीटर मैंने दूसरी जगह से अरेंज किया था। फिल्म लक्ष्मी में गोबर के उबले से भभूत बनाया गया राजेश सिंह ने अक्षय कुमार स्टारर फिल्म लक्ष्मी में भी काम किया है। उन्होंने बताया- फिल्म के गाने बम भोले के लिए ज्यादा अमाउंट में भभूत की जरूरत थी। सीन के मुताबिक मेरे पास भभूत का स्टॉक कम था। फिर मैंने उपले (गोबर का कंडा) को जलाकर राख तैयार किया था, जिसे भभूत की जगह यूज किया गया। POP और थर्माकोल से बना था हिमालय का सेट आर्ट डायरेक्टर चौकस भारद्वाज कहते हैं- मैंने टीवी शो देवों के देव महादेव में काम किया था। इसमें हिमालय दिखाना था। डायरेक्टर की डिमांड थी कि हिमालय बिल्कुल रियल लगे। मैंने आर्टिफिशियल पेड़-पौधों के लिए चाइना तक के सप्लायर से कोऑर्डिनेट किया था। हालांकि बात यहां नहीं बनी। फिर हमने दूसरी जगहों से कुछ सामान मगांए थे। हिमालय को बनाने में POP और थर्माकोल का भी इस्तेमाल किया गया था। सलमान खान सेट डिजाइनिंग में रखते हैं दिलचस्पी चौकस ने बताया कि सेट डिजाइनिंग में कुछ एक्टर्स का इन्वॉल्वमेंट होता है। उन्होंने कहा- मैंने सलमान खान के साथ फिल्म हैलो ब्रदर में काम किया था। मेरा काम उन्हें बहुत पसंद आया था। कई बार वो सेट डिजाइनिंग में टिप्स भी देते थे। वहीं कुछ दूसरे एक्टर्स हैं, जो टिप्स तो नहीं देते, लेकिन सेट डिजाइनिंग की तारीफ करते हैं। वहीं, कुछ एक्टर्स सिर्फ एक्टिंग करते हैं और चले जाते हैं। बॉलीवुड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… नाना पाटेकर @74, दो महीने सेना में रहे:परमिशन के लिए रक्षा मंत्री को घुमाया कॉल; इतना घिनौना रोल किया कि औरतों ने जूते बरसाए नाना पाटेकर ने 50 साल के लंबे करियर में तीन नेशनल अवॉर्ड जीते। सत्यजीत रे और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज भी इनकी अदाकारी के कायल थे। नाना आज 74 साल के हो गए हैं। 74 साल की उम्र में भी वे ओपनिंग बैट्समैन की तरह क्रीज पर जमे हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर…