हॉकी चैंपियंस ट्रोफी: भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 2-1 से हराया

लंदन
शानदार फॉर्म में चल रहे गोलकीपर पी.आर श्रीजेश के उम्दा प्रदर्शन के दम पर भारत ने चैंपियंस ट्रोफी हॉकी में शनिवार को अपने से ऊंची रैंकिंग वाले ग्रेट ब्रिटेन को 2-1 से हराकर जीत का स्वाद चखा। ओलिंपिक चैंपियन जर्मनी के खिलाफ शनिवार को 3-1 से बढ़त बनाने के बाद 3-3 से ड्रॉ खेलने वाली भारतीय टीम ने आज अपनी गलतियों से सबक लेकर बेहतर प्रदर्शन किया।

ब्रिटेन को मिले चार पेनल्टी कॉर्नर में से सिर्फ एक पर ही गोल हो सका। रियो ओलिंपिक से पहले आखिरी बड़ा टूर्नमेंट खेल रहे भारत के लिए मनदीप सिंह (17वां मिनट) और हरमनप्रीत सिंह (34वां मिनट) ने गोल दागे जबकि ब्रिटेन के लिए एकमात्र गोल एशले जैकसन ने 35वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किया।

पहले क्वॉर्टर में भारतीय डिफेंस चरमराया हुआ नजर आया और दोनों टीमों ने सुस्त हॉकी खेली। थिमैया ने दूसरे ही मिनट में चूक करके ब्रिटेन को पहला पेनल्टी कॉर्नर सौंपा लेकिन श्रीजेश ने पहले शॉट पर और फिर रिबाउंड पर भी गोल नहीं होने दिया। इसके एक मिनट बाद ही मेजबान ने फिर पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन एशले जैकसन के शॉट को फिर श्रीजेश ने बचाया।

भारत आठवें मिनट में गोल करने के करीब पहुंचा जब रघुनाथ ने सर्कल के भीतर तलविंदर को गेंद सौंपी लेकिन वह नियंत्रण नहीं बना सके। इसके तीन मिनट बाद हरमनप्रीत गेंद को डी के भीतर लेकर गए और निकिन को पास दिया लेकिन उनका निशाना चूका और गेंद बाएं पोस्ट से टकराकर निकल गई।

दूसरे क्वॉर्टर की शुरुआत आक्रामक रही और पहले ही मिनट में ब्रिटेन ने भारतीय गोल पर हमला बोला लेकिन कामयाबी नहीं मिली। भारतीयों को इस क्वॉर्टर में पहले ही प्रयास में सफलता मिली जब 17वें मिनट में एस.वी सुनील अकेले दाहिने फ्लैंक से गेंद को सर्कल के भीतर लेकर गए। मनदीप ने चार डिफेंडरों को छकाकर गोल दागा। इसके बाद फिर दोनों टीमें ढीली पड़ती दिखाई दी।

ब्रिटेन ने 23वें मिनट में भारतीय गोल पर हमला बोला जब सेंटर फॉरवर्ड कैटलिन गेंद लेकर सर्कल के भीतर गए लेकिन उथप्पा ने उनके शॉट को बचाकर गेंद को बाहर निकाल दिया। उन्हें मामूली चोट भी लगी। भारतीयों ने दूसरे क्वॉर्टर के आखिरी चार मिनटों में हरमनप्रीत और सुनील के जरिये दो हमले बोले लेकिन नाकामी हाथ लगी। ब्रेक के बाद तीसरा क्वॉर्टर काफी आक्रामक रहा जिसमें भारत ने पेनल्टी स्ट्रोक के जरिये दूसरा गोल दागा।

भारत को 33वें मिनट में मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन उस पर गोल नहीं हो सका। रिबाउंड के बाद गेंद सर्कल के भीतर ही थी जब भारत ने अगले मिनट दूसरा और तुरंत तीसरा पेनल्टी कार्नर हासिल किया। तीसरे पेनल्टी कॉर्नर पर गेंद मिडिलटन के शरीर को छूकर गई जिस पर भारत ने वीडियो रेफरल मांगा और इसमें कामयाब रहे। वीडियो अंपायर ने भारत को पेनल्टी स्ट्रोक देने का फैसला किया जिस पर हरमनप्रीत ने आसानी से गोल दागा।

दो गोल गंवाने के बाद ब्रिटेन ने जवाबी हमले बोले जिस पर उसे 35वें मिनट में कामयाबी मिली जब जैकसन ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला। आखिरी क्वॉर्टर में मनदीप ने गोल करने का आसान मौका गंवाया जब 50वें मिनट में उन्होंने सर्कल के भीतर गेंद हासिल की लेकिन शॉट नहीं लगा सके।

दो मिनट बाद मनप्रीत सिंह और चिंग्लेनसाना सिंह ने अच्छा मूव बनाया लेकिन उथप्पा उसे फिनिशिंग तक नहीं ले जा सके। इंग्लैंड ने आखिरी दस मिनटों में आक्रामक खेल दिखाया और 56वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल किया लेकिन एक बार फिर श्रीजेश ने जबर्दस्त चुस्ती दिखाते हुए उसे गोल में तब्दील होने से रोका। इससे पहले एक अन्य मैच में जर्मनी ने बेल्जियम के साथ 4-4 से ड्रॉ खेला।

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