बिजनस का माहौल ‘खराब’, अमेरिका ने चीन को किया आगाह
|अमेरिका और यूरोप की कई बड़ी कंपनियों का मानना है कि चीन में उन्हें लेकर नापसंदगी बढ़ रही है और इसके खिलाफ उन्होंने चीन को आगाह किया है। चीन और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय बातचीत के दौरान मंगलवार को अमेरिकी अधिकारियों और यूरोपियन बिजनस एग्जिक्युटिव्स ने इस मसले को उठाया। इससे पहले एक यूरोपियन सर्वे में कहा गया था कि चीन की वृद्धि दर धीमे रहने से कारोबारी माहौल में ‘शत्रुता’ बढ़ रही है।
फाइनैंशल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रटरी जैक लू ने कहा, ‘हाल के सालों में बिजनस के माहौल को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। विदेशी कंपनियां एक तरफ जहां पेचीदे नियंत्रक माहौल का सामना कर रही हैं वहीं उनके सामने यह सवाल भी है कि चीन में उनका स्वागत है या नहीं।’ रणनीतिक और आर्थिक बातचीत से अलग मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए लू ने ये बातें कहीं।
लू की यह टिप्पणी एक यूरोपीय कंपनी के उस सर्वेक्षण के बाद आई है जिसमें कहा गया कि चीन की वृद्धि दर धीमे रहने से कारोबारी माहौल में ‘शत्रुता’ बढ़ रही है। यूरोपियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से चीन के सालाना बिजनस कॉन्फिडेंस सर्वे में यह बताया गया कि चीन में बिजनस करने को लेकर कितना निराशपूर्ण माहौल है। चैंबर के प्रेजिडेंट की तरफ से कहा गया, ‘निराशा के इस माहौल को बढ़ाने में जिस चीज ने अहम भूमिका निभाई है वह वे वादे हैं जो अधूरे हैं।’
उधर, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने चीन से आग्रह किया है कि ‘अवरोधकों को कंपनियों के रास्ते से दूर रखें।’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अभी भी बौद्धिक संपदा के मसले को सुलझाना है और नियमों को स्पष्ट भी करना है।
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