एलआईसी के तीन प्रबंध निदेशक सामूहिक रूप से निवेश पर करेंगे फैसला

मुंबई, 14 मई :: सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने निवेश पोर्टफोलियो को तीन प्रबंध निदेशकों के बीच बांट दिया है ताकि अधिक संतुलित निर्णय किया जा सके। यह निर्णय ऐसे समय किया गया है जब भारतीय जीवन बीमा निगम :एलआईसी: के निवेश को लेकर कुछ लोगों ने सवाल खड़े किये हैं। एलआईसी 25,000 अरब रपये की संपत्ति का प्रबंधन कर रही है।

एलआईसी के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पिछले सप्ताह चेयरमैन वी के शर्मा ने हाल में नियुक्त तीन प्रबंध निदेशकों को पोर्टफोलियो बांटे।

पिछले कई साल से एलआईसी एक या दो प्रबंध निदेशकों के साथ काम कर रहा था लेकिन वित्त वर्ष 2014-15 से केवल उषा सांगवान ही प्रबंध निदेशक थी। एलआईसी के शीर्ष प्रबंधन में चेयरमैन और चार प्रबंध निदेशक हैं। इन प्रबंध निदेशकों के नीचे 40 कार्यकारी निदेशक हैं।

उल्लेखनीय है कि एलआईसी के निवेश को लेकर आलोचना होती रही है। आलोचकों का कहना है कि कंपनी ने सरकार के कहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों में निवेश किये। इनमें से ज्यादातर कंपनियां अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम के मामले में विफल या ज्यादा सफल नहीं थी लेकिन उसे एलआईसी ने उबारा।

साथ ही तंबाकू कंपनी आईटीसी तथा क्षेत्र की अन्य कंपनियों में एलआईसी के बड़े पैमाने में निवेश को लेकर भी बंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी है। एलआईसी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की पांच साधारण बीमा कंपनियों की उपरोक्त सिगरेट कंपनी में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।

पिछले सप्ताह जारी पोर्टफोलियो आबंटन के अनुसार सबसे कनिष्ठ प्रबंध निदेशक सुनीता शर्मा निवेश परिचालन विभाग देखेंगी जबकि बी वेणुगोपाल जोखिम प्रबंधन तथा हेमंत भार्गव निगरानी और एकाउंटिंग की जिम्मेदारी संभालंेगे।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

बिज़नस न्यूज़, व्यापार समाचार भारत, वित्तीय समाचार, News from Business