मनीष श्रीवास्तव की ‘चार्ली के चक्कर में’ मुंबई की भीतरी परत की सच्चाइयां हैं। ऊपर से यह शहर बिल्कुल अलग नजर आता है। थोड़ा खुरचें तो एक अलग