H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथी को नहीं मिलेगा वर्क परमिट

वॉशिंगटन
अमेरिका में ट्रंप सरकार H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट को समाप्त करने की योजना बना रही है। ट्रंप प्रशासन पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के समय के उस प्रावधान को खत्म करने जा रहा है जिसके तहत H-1B वीजाधारकों के पति/पत्नी को वर्क परमिट जारी हो जाता था। यानी अब पति के पास H-1B वीजा है, तो पत्नी को काम करने की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह पत्नी के पास वीजा होने पर पति को वर्क परमिट नहीं मिलेगा। संघीय एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। माना जा रहा है कि इस कदम से हजारों भारतीयों पर असर पड़ेगा।

बराक ओबामा के कार्यकाल में जीवनसाथी को वर्क परमिट देने के इस फैसले को खत्म करने से 70,000 से अधिक H-4 वीजाधारक प्रभावित होंगे जिनके पास वर्क परमिट है। H-4 वीजा H-1B वीजाधारक के जीवनसाथी को जारी किया जाता है। इनमें से बड़ी संख्या में भारतीय कुशल पेशेवर हैं। उन्हें यह वर्क या वर्क परमिट ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में जारी विशेष आदेश के जरिए मिला था। इस प्रावधान का सबसे अधिक फायदा भारतीय-अमेरिकियों को मिला था। 1 लाख से अधिक H-4 वीजा धारकों को इस नियम का लाभ मिल चुका है। ओबामा प्रशासन के 2015 के नियम के अनुसार H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथियों को वर्क परमिट की अनुमति दी थी , पहले वे कोई नौकरी नहीं कर सकते।

इसका दूसरा रास्ता यह है कि H-1B वीजाधारक स्थानीय निवासी का दर्जा हासिल करें। इस प्रक्रिया में एक दशक या अधिक का समय लगता है। ऐसे में ओबामा प्रशासन के इस नियम से उन H-1B वीजाधारकों को फायदा हुआ था , जिनके जीवनसाथी भी अमेरिका में नौकरी करना चाहते हैं। ट्रंप प्रशासन इस प्रावधान को समाप्त करने की योजना बना रहा है। इन गर्मियों में इस बारे में औपचारिक घोषणा हो सकती है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं ( यूएससीआईएस ) के निदेशक फ्रांसिस सिसना ने सीनेटर चक ग्रासले को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।

माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टिट्यूट की एक स्टडी के मुताबिक, अमेरिका ने H1-B वीजा होल्डर्स के 71 हजार स्पाउसेस (पति/पत्नी) को वर्क परमिट जारी किया था। इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक भारतीय थे। 2017 की शुरुआत तक जिन लोगों को इस प्रावधान के तहत वर्क परमिट मिला उनमें 94 प्रतिशत महिलाएं थीं और 93 प्रतिशत भारत से थीं वहीं 4 प्रतिशत चीन से।

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